प्रायवेट स्कूलों की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में लगेगी स्मार्ट क्लासेस, बच्चे भी बनेंगे स्मार्ट, बालाघाट, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, जबलपुर, कटनी, मंडला, रीवा, सतना, टीकमगढ़, उमरिया सहित प्रदेश के 153 स्कूलों में आगामी सत्र में शुरु होगा प्रोजेक्ट      

स्मार्ट क्लास प्रायवेट स्कूलों की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में लगेगी स्मार्ट क्लासेस, बच्चे भी बनेंगे स्मार्ट, बालाघाट, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, जबलपुर, कटनी, मंडला, रीवा, सतना, टीकमगढ़, उमरिया सहित प्रदेश के 153 स्कूलों में आगामी सत्र में शुरु होगा प्रोजेक्ट      

Raja Verma
Update: 2022-11-26 12:31 GMT

डिजिटल डेस्क भोपाल,गोवर्धन झामरे। प्रायवेट स्कूलों की तर्ज पर प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चें भी अब स्मार्ट क्लासेस में पढ़ते नजर आएंगे। संभवत: आगामी शिक्षण सत्र 2023-24 में इसे लागू कर दिया जाएगा। इनमें बालाघाट, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, जबलपुर, कटनी, मंडला, रीवा, सतना, टीकमगढ़, उमरिया सहित प्रदेश के 153 स्कूल शामिल है। 

प्रदेश में कक्षा 1 से 8 तक के 153 सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस स्थापित होंगी। और यह सब होगा भारत सरकार के समग्र शिक्षा अिभयान के तहत। इस योजना के तहत 153 स्कूलों में शिक्षकों को ई-लर्निंग प्लेटफार्म उपलब्ध कराने एवं दीक्षा निष्ठा आिद प्रशिक्षणों को करने के लिये 2.40 लाख प्रति विद्यालय की दर से बजट प्रावधान किया गया है। 

निर्धन वर्ग के विद्यार्थी भी प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर शासकीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास में शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। इसके लिए 153 शासकीय माध्यमिक शालाओं को आधुनिक शिक्षा सुविधाओं से जोड़े जाने की कवायद शिक्षा विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है। नवीन शिक्षा सत्र से इसका लाभ विद्यार्थियों को मिलने लगेगा।

उक्त शालाओं में डेस्कटॉप कम्प्यूटर आई-3, 12 जनरेशन के 2, एलईडी टीवी 65 इंच स्मार्ट टीवी-एनड्रायड की 2 तथा 600 वीए का 30 मिनट बैकअप वाला यूपीएस सहित अन्य आधुनिक शिक्षा उपकरण लगाए जायेंगे। िजससे उक्त शालाओं में नए शिक्षा सत्र से छात्र-छात्राओं को स्मार्ट क्लासेस का लाभ मिलना सुनिश्चित हो जाएगा। जिसमें नई तकनीक से विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाएगी। 

निजी स्कूलों को टक्कर देंगे शासकीय स्कूल

इन स्कूलों में टेक्नोलॉजी का उपयोग कर स्मार्ट क्लास तैयार की जा रही है। ताकि शासकीय स्कूलों के बच्चे निजी स्कूलों को टक्कर दे सके। रिजल्ट बेहतर किया जा सके। बता दें कि लंबे समय से स्कूल शिक्षा विभाग में डिजिटल टेक्नोलॉजी बढ़ रही है जिसको देखते हुए अब प्राइमरी-माध्यमिक स्कूल के विद्यार्थियों को डिजिटल टेक्नोलॉजी से जोड़ने तथा उन्हें नवाचार के रूप में कंप्यूटर के माध्यम से पढ़ाई को बढ़ावा दिया जायेगा।

 इनका कहना है
भारत सरकार द्वारा समय-समय पर शिक्षा की बेहतरी के लिये बजट उपलब्ध कराया जाता है। स्मार्ट क्लासेस के लिये बजट दिया गया। बहुत जल्द बच्चों को स्मार्ट क्लासेस के जरिए पढ़ाया जायेगा। 
धनराजू एस, संचालक, राज्य शिक्षा केन्द्र

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