महाराष्ट्र : अब आरक्षण के लिए मुस्लिम समुदाय ने निकाला मूक मोर्चा

महाराष्ट्र : अब आरक्षण के लिए मुस्लिम समुदाय ने निकाला मूक मोर्चा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-09 15:29 GMT
महाराष्ट्र : अब आरक्षण के लिए मुस्लिम समुदाय ने निकाला मूक मोर्चा

डिजिटल डेस्क, पुणे। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन की आग बुझने का नाम ही नहीं ले रही कि अब मुस्लिम समुदाय भी आक्रामक हो चुका है। हालिया धनगर समाज के आंदोलन के बाद मुस्लिम समुदाय ने भी आरक्षण की मांग को लेकर आवाज बुलंद की है। इस कड़ी में रविवार को समुदाय ने मूक मोर्चा निकाला गया। सुबह गोलीबार मैदान से काउंसिल हॉल तक मूक मोर्चा निकाला गया। इसमें किसी भी किस्म की नारेबाजी करने से मनाही करते हुए शांति पूर्ण तरीके से मोर्चा निकालने की अपील की गई थी, जिसका मोर्चा में शामिल लोगों ने कड़ाई से पालन किया। बता दें कि मुस्लिम समुदाय अपने लिए 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहा है।

मुस्लिम समाज को आरक्षण, संरक्षण देने और उनपर होने वाले अन्याय व हमलों के विरोध में एट्रोसिटी जैसा कड़ा कानून अमल में लाने की मांग जोर पकड़ रही है। इस मांग को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग गोलीबार मैदान में इकट्ठा होने लगे। पिंपरी चिंचवड़ से भी काफी तादाद में मुस्लिम समुदाय के लोग इस आंदोलन में शरीक होने पहुंचे थे। इस मोर्चे का नेतृत्व किसी सियासी दल या संगठन ने नहीं, बल्कि जिला मुस्लिम महामोर्चा के बैनर तले पूरा मुस्लिम समुदाय यहां इकट्ठा हुआ और मोर्चा में शामिल हुआ।

सुबह 11 बजे गोलीबार मैदान से इस मूक मोर्चा की शुरुआत की गई। इसमें जिले के कोने- कोने से हजारों की तादाद में आए मुस्लिम समुदाय के लोग शरीक हुए। इस मोर्चे में युवाओं और महिलाओं की हिस्सेदारी काफी रही। मोर्चा सेवन लव्ज़ चौंक, सोनवणे हॉस्पिटल, रामोशी गेट, केईएम हॉस्पिटल, नरपतगिरी चौंक से जिला परिषद की पुरानी इमारत के सामने से डॉ बाबासाहब आंबेडकर स्मारक से साधु वासवानी चौंक से कॉउंसिल हॉल पहुंचा। मोर्चे को सफल बनाने के लिए तीन हजार स्वयंसेवक तैनात थे।

मूक मोर्चा की खास बात यह रही कि, इसमें सबसे आगे लड़कियां, उनके पीछे महिला, बुजुर्ग, युवा और सबसे पीछे थे, सियासी दलों के नेता और कार्यकर्ता शामिल थे। उनके हाथों में मुस्लिमों को एट्रोसिटी जैसे कड़े कानून का संरक्षण देने की मांग के बोर्ड थे। मूक मोर्चा के जरिए मुस्लिमों को 5 फीसदी आरक्षण, गोरक्षा, लव जिहाद और अन्य कारणों से मॉब लीचिंग के जरिए निशाना बनाने वालों को कड़ी सजा देने, वक्फ बोर्ड की जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त बनाने, दलितों और मुस्लिमों पर अन्याय, अत्याचार की रोकथाम हो जैसी कई मांगें की गई है।