बिपिन रावत की बेबाकी का नागपुर बना साक्षी

यादें बिपिन रावत की बेबाकी का नागपुर बना साक्षी

Anita Peddulwar
Update: 2021-12-09 06:15 GMT
बिपिन रावत की बेबाकी का नागपुर बना साक्षी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल  बिपिन रावत का बुधवार को हेलिकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया। वे देश के पहले सीडीएस थे। बतौर सीडीएस उन्होंने 15 नवंबर 2021 को नागपुर में मुख्यालय अनुरक्षण कमान भारतीय वायुसेना का दौरा किया था। इससे पहले वे 5 जनवरी 2019 में सेना प्रमुख के रूप में शहर में भोसला मिलिटरी स्कूल द्वारा आयोजित समारोह में पधारे थे। दो अवसरों पर नागपुरवासियों को उनके दमदार व्यक्तित्व, बेबाकी और ओजस्वी वक्तव्य का साक्षी बनने का मौका मिला। इस दौरान किसी ने यह सोचा भी नहीं था कि 24 दिन पहले नागपुर पहुंचे बिपिन रावत का यह आखिरी दौरा होगा। उनकी दुर्घटना में मौत की खबर से सेना के अधिकारियों सहित राजनीतिक, शैक्षणिक, सामाजिक क्षेत्र के लोगों को गहरा आघात पहुंचा है।

एयरस्पेस को बढ़ावा देने पर जोर
15 नवंबर को सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने नागपुर में मुख्यालय अनुरक्षण कमान भारतीय वायुसेना का दौरा किया था। एयर मार्शल शशिकांत चौधरी (एवीएसएम वीएसएम एडीसी) एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ ने उनका स्वागत किया था। इस दौरान सीडीएस को भारतीय वायुसेना के पास विभिन्न प्रकार की संपत्तियों के रखरखाव में कमान की भूमिका के संबंध में जानकारी दी गई थी। बेस रिपेयर डिपो द्वारा स्वदेशीकरण किए गए विमान और उपकरण संबंधित भागों और एलआरयू का प्रदर्शन किया गया था। सीडीएस ने भारतीय वायुसेना की पीठ थपथपाते हुए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बढ़ने के लिए सराहना की थी। इससे पहले कस्तूरचंद पार्क पर आयोजित भोसला मिलिट्री स्कूल के 23वें वार्षिक समारोह में उन्होंने शिरकत की थी। इस कार्यक्रम में रावत ने एयरस्पेस को बढ़ावा देकर दुनिया को अपनी ताकत दिखाने का आह्वान किया था। कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले उपस्थित थे। 

विनम्र, लेकिन कठोरतम सेना अधिकारी
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत से मेरी अंतिम भेंट राष्ट्रपति भवन में हुई थी जब मुझे उनके, थल सेना प्रमुख, वायु सेना प्रमुख और जल सेना प्रमुख के साथ चाय पीते हुए बातचीत करने का अवसर मिला था। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पुराने समय में सुनील दत्त के अजंता आर्ट्स ग्रुप की तरफ से सीमा पर जवानों के मनोरंजन के लिए कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते थे, क्या वैसे कार्यक्रम फिर से आयोजित नहीं किए जा सकते। उन्हें मालूम था कि मैं भी उनमें से कुछ कार्यक्रमों का संचालन कर चुका था। मैंने उनसे कहा था कि अभी के बड़े फिल्मी कलाकार, संगीत निर्देशक, गायक और वादक नि:शुल्क कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए नहीं आएंगे और उन्हें पांच सितारा आरामदायक सुविधाएं भी प्रदान करनी पड़ेंगी, जो सीमा के मुश्किल स्थलों पर संभव नहीं हो सकता। कुछ समय बाद उनके कार्यालय से फोन आया और मुझसे कुल संभावित खर्च की रकम और आवश्यक सुविधाओं के बारे में पूछा गया। बाद में कोरोना की विभीषिका बढ़ने के कारण इस संबंध में कोई चर्चा नहीं हो सकी। जनरल रावत साहब जैसा विनम्र, लेकिन कठोरतम सेना अधिकारी परिचित मित्र खोने का मुझे बहुत ही दु:ख है।  - किशन शर्मा, मंच संचालक एवं विविध भारती, आकाशवाणी के पूर्व वरिष्ठ उद्घोषक

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