नागपुर : मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए काटने पड़ रहे चक्कर

नागपुर : मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए काटने पड़ रहे चक्कर

Anita Peddulwar
Update: 2021-04-02 10:10 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना के चलते इन दिनों मेडिकल में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अभी तक कोरोना से मरने वालों के शव के लिए परिजनों को परेशान होना पड़ रहा था, लेकिन अब मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए भी परिजनों को चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इसका मुख्य कारण है महानगरपालिका के जन्म-मृत्यु विभाग की साइट गत 3 दिन से बंद होना। ऐसे में दूर-दराज से मनपा जोन में आने वालों को मृत्यु प्रमाणपत्र लिए बिना वापस लौटना पड़ रहा है। जन्म प्रमाणपत्र के लिए भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। 

10 जोन में ऑनलाइन प्रमाणपत्र की व्यवस्था
कुछ समय पहले तक जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र लोगों को ऑफलाइन दिया जाता था, जिसके चलते कई बार प्रमाणपत्र में बड़ी गलतियां हो जाती थीं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए कुछ वर्ष पहले ही केंद्र सरकार की ओर से इसे एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन किया गया है। शहर के 10 जोन के अंतर्गत यह व्यवस्था अब ऑनलाइन ही चलती है। प्रमाणपत्र लेने के लिए आने वालों को उनकी जरूरत के अनुसार एक या दो दिन में प्रमाणपत्र दिया जाता है, लेकिन इन दिनों उन्हें चक्कर काटना पड़ रहा है, क्योंकि सॉफ्टवेयर तीन दिन से काम नहीं कर रहा है।  

खासकर हनुमान नगर जोन अंतर्गत आने वाले जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र विभाग में इन दिनों लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण है इस विभाग के अंतर्गत मेडिकल, सुपर स्पेशलिस्ट, बीमा अस्पताल के साथ 31 निजी बड़े अस्पताल शामिल हैं।  इन दिनों मेडिकल में कोरोना के कारण प्रतिदिन मरने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिसके कारण उनके परिजन यहां मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने आते हैं। मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए 200 आवेदन यहां जमा है। सॉफ्टवेयर में खराबी के कारण प्रमाणपत्र नहीं बन पाए हैं। सूत्रों की माने तो लक्ष्मीनगर जोन, गांधीबाग जोन सहित सभी जोन पर इसी तरह की व्यवस्था है

साइट काम नहीं कर रही
लोगों की परेशानी हम समझते हैं, लेकिन साइट ही काम नहीं कर रही है। ऐसे में हम कैसे प्रमाणपत्र दे। 3 दिन से यही हाल है।  -सत्येंद्र पाटील, सब रजिस्ट्रार, हनुमान नगर जोन

पुणे निवासी संतोष नेरकर ने बताया कि कुछ दिन पहले ही उनकी बहन का मेडिकल में अन्य बीमारी से मौत हुई है। मौत के बाद दो दिन पहले वह नागपुर उसका मृत्यु प्रमाणपत्र लेने आए थे, लेकिन दो दिन से सॉफ्टवेयर बंद होने की बात कहकर प्रमाणपत्र नहीं दिया गया। नागपुर में कोई नहीं रहता है, जिसके कारण उन्हें वापस लौटना पड़ेगा और फिर एक बार इसी काम के लिए पुणे से आना पड़ेगा। 
 

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