गणेशोत्सव: मूर्तियों पर ऊंचाई का बंधन मंजूर नहीं

मूर्तकारों ने उठाई आवाज गणेशोत्सव: मूर्तियों पर ऊंचाई का बंधन मंजूर नहीं

Anita Peddulwar
Update: 2022-07-11 07:50 GMT
गणेशोत्सव: मूर्तियों पर ऊंचाई का बंधन मंजूर नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर । हर साल गणेशोत्सव के माह दो माह पहले नए नीति-नियमों को लागू कर गणेशभक्तों को निराश किया जाता है। बरसों से ऐसा हो रहा है। 2020 में कोरोना के चलते मूर्तियों की उंचाई को लेकर नियमावली तैयार की गई थी। उसमें घरेलू मूर्तियों की ऊंचाई 2 फीट और सार्वजनिक मंडलों के लिए ऊंचाई 4 फीट निर्धारित की गई थी। काेरोना महामारी को देखते हुए गणेशभक्तों ने सरकार व प्रशासन के सभी नियमों का पालन किया, लेकिन अब स्थिति सामान्य है। राज्यभर में इस नियम में शिथिलता दी गई है, लेकिन नागपुर में स्थिति अलग है। यहां प्रशासन ने कोरोनाकाल में बनाए नियमों को यथावत रखा है, इसका सर्वत्र विरोध हो रहा है।

महाराष्ट्र के महोत्सव को खत्म करने का प्रयास हैै
स्थानीय मूर्तिकार व मंडलों के संगठन के पदाधिकारियों के अनुसार प्रदूषण के नाम पर बड़ी मूर्तियों की ऊंचाई निर्धारित की गई है। यह निर्णय न्यायोचित नहीं है। एक तरह से प्रशासन महाराष्ट्र के महोत्सव को खत्म करने का प्रयास कर रहा है। गणेशोत्सव की पहचान भव्य-दिव्य मूर्तियों और विविध झांकियों के कारण है। यदि प्रदूषण का विषय है, तो प्रशासन को इसके लिए स्वयं तैयारी करनी चाहिए। एक बड़ा कृत्रिम तालाब तैयार कर वहां विसर्जन करवाना चाहिए, ऐसी सभी की मांग है। उत्सव को छोटा करने के कारण इस पर निर्भर हजारों लोगों का रोजगार खत्म हो जाएगा। जो लोग सालभर का गुजारा इसी उत्सव के भरोसे चलता है, उनपर भुखमरी की नौबत आएगी। इसके अलावा अन्य कई समस्याएं पैदा होंगी, जो सीधे इस उत्सव से जुड़े लोगों को बेरोजगार कर देगी। 

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