नागपुर महापौर ने दी सफाई, कहा- बेटे को पर्सनल असिस्टेंट बनाकर ले गई थी विदेश

नागपुर महापौर ने दी सफाई, कहा- बेटे को पर्सनल असिस्टेंट बनाकर ले गई थी विदेश

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-22 18:53 GMT
नागपुर महापौर ने दी सफाई, कहा- बेटे को पर्सनल असिस्टेंट बनाकर ले गई थी विदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदेश दौरे पर अपने बेटे को साथ लेकर जाने से विवादों में घिरी महापौर नंदा जिचकार शुक्रवार सुबह नागपुर पहुंची। नागपुर पहुंचते ही केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गडकरी से उनके निवासस्थान पर मुलाकात कर विवादों पर अपना पक्ष रखा। अंदरखाने हुई चर्चा का खुलासा तो नहीं हुआ, लेकिन महापौर थोड़ा तनाव में दिखी।

हालांकि सत्तापक्ष और पार्टी की तरफ से महापौर के साथ होने का दावा किया गया। जिसके बाद संवाददाताओं से रू-ब-रू होकर उन्होंने पूरे विवाद को ही बकवास बताने की कोशिश की। महापौर ने स्पष्ट किया कि विवाद जैसा कोई कारण नहीं है। वे अपने बेटे को स्वीय सहायक (प्राइवेट सेक्रेटरी) नहीं बल्कि पर्सनल अस्सिटंट (निजी सहायक) बनाकर ले गई थी। पर्सनल अस्सिटंट कोई भी हो सकता है। हालांकि उनका जाना जरूरी था, इसलिए बेटे को साथ ले गई।

महापौर जिचकार ने कहा कि जाने से पहले उनकी तबियत ठीक नहीं थी। अंत तक जाने को लेकर असमंजस में थी। लेकिन आयोजक कंपनी द्वारा आना आवश्यक किया गया था। साउथ एशिया का प्रतिनिधित्व करना था। हालातों की संपूर्ण जानकारी सैन फ्रांसिस्को में आयोजक कंपनी को दी गई थी। कंपनी ने साथ में किसी सहायक को साथ में लाने को कहा। उनके कहने पर ही बेटे को साथ ले जाने का फैसला किया। बेटे को साथ ले जाने का कारण बताते हुए महापौर ने कहा कि बेटा उनका सोशल मीडिया संभालता है।

वहां बोर्ड मीटिंग में पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन भी करना था। कार्यक्रम सरकारी नहीं था। प्राइवेंट कंपनी द्वारा आयोजित था। इसलिए अंतिम समय में बेटे से बेहतर विकल्प सामने नहीं था। अंतिम समय में सैन फ्रांसिस्को से अप्रुवल मिलने पर उसका वीजा बनाकर साथ ले गई। संपूर्ण खर्च आयोजक जी-कॉम ने उठाया। मनपा का खर्च से कोई संबंध नहीं है। इसलिए आयुक्त कार्यालय को बेटे को साथ ले जाने के बारे में पत्र नहीं दिया। लेकिन व्यवहार के लिए मनपा का पता था, लेकिन बेटे को साथ ले जाने वाले पत्र में मनपा का पता ही दिया गया। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी या भविष्य में ऐसी कोई नौबत आती है तो वे फिर बेटे को साथ ले जाएगी।

अन्य को भी साथ ले जाने का किया प्रयास
महापौर जिचकार ने विवादों पर सफाई देते हुए कहा कि बेटे को विदेश ले जाने से पहले उपायुक्त रंजना लाडे को साथ ले जाने की कोशिश की। लेकिन रंजना लाडे के पास वीजा नहीं था। आयुक्त नहीं होने से बिना अनुमति प्रशासकीय अधिकारी को लंबी यात्रा पर ले जाना भी ठीक नहीं था। इसके बाद नगरसेविका चेतना टांक और रुपा राय से भी संपर्क किया। दोनों के पास वीजा थे। आसानी से यात्रा हो सकती थी। लेकिन दोनों ने आने में असमर्थता जताई। अंतत: विकल्प नहीं होने पर बेटे को साथ ले जाना पड़ा।

पार्टी मजबूती के साथ खड़ी है: जोशी
सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी ने महापौर जिचकार का बचाव करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी से बातचीत हुई। श्री गडकरी ने भी कहा कि यात्रा ले मनपा का वित्तीय लेन-देन नहीं है। ऐसे में पार्टी और हम सब मजबूती से उनके साथ खड़े रहेंगे।