जिले में नेशनल लोक अदालत सम्पन्न 760 मामलों का समझौता के आधार पर निराकरण हुआ और 1251 पक्षकार लाभांवित हुए!

नेशनल लोक अदालत जिले में नेशनल लोक अदालत सम्पन्न 760 मामलों का समझौता के आधार पर निराकरण हुआ और 1251 पक्षकार लाभांवित हुए!

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-09-13 09:25 GMT
जिले में नेशनल लोक अदालत सम्पन्न 760 मामलों का समझौता के आधार पर निराकरण हुआ और 1251 पक्षकार लाभांवित हुए!

डिजिटल डेस्क | खण्डवा म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के यथानिर्देशानुसार एवं जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, श्री एल.डी. बौरासी के मार्गदर्शन में व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण खण्डवा के सचिव श्री हरिओम अतलसिया की निर्देशन व जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चन्द्रेश मण्डलोई के समन्वय से कोविड-19 की गाईडलाईन को ध्यान में रखते हुए शनिवार को खण्डवा जिले में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला न्यायालय खण्डवा में प्रातः 10.30 बजे ए.डी.आर. सेन्टर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण खण्डवा में जिला न्यायाधीश श्री एल.डी. बौरासी ने दीप प्रज्जवल कर नेशनल लोक अदालत का शुभांरभ किया गया।

इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, श्री रविन्द्र सिंह कुशवाह, जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्री रविन्द्र पाथरीकर, विशेष न्यायाधीश श्री पी.सी. आर्य, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, खण्डवा के सचिव श्री हरिओम अतलसिया, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री सुधीर कुमार चौधरी, तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री सूरज सिहं राठौर, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री राकेश पाटीदार, जिला रजिस्ट्रार, श्री विपेन्द्र सिहं यादव, न्यायिक मजिस्ट्रेटगण श्री राहुल सोनी, श्रीमति नमिता द्विवेदी, सुश्री सौम्या साहू, सुश्री मधुलिका मूले, श्रीमति सपना पटवा, श्री मनीष रघुवंशी, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री चन्द्रेश मण्डलोई, जिला अभिभाषक संघ के पूर्व अध्यक्ष श्री अरूण दुबे व जिला अभिभाषक संघ के सचिव श्री राकेश थापक, ,व अन्य अधिवक्तागण, बैंक, न्यायालीन कर्मचारीवृद प्रशिक्षित मीडिएटर्स, खण्डपीठ सदस्यगण पैरालीगल वालंटियर्स, विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, सामाजिक कार्यकर्ता, एवं पक्षकारों की उपस्थित रही।

शुभारभ के अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एल.डी. बौरासी ने कहा कि लोक अदालत का सबसे बड़ा गुण निःशुल्क तथा त्वरित न्याय है, यह विवादों के निपटारे का वैकल्पिक माध्यम है इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश का कोई भी नागरिक आर्थिक या किसी अन्य अक्षमता के कारण न्याय पाने से वंचित न रह जाए साथ ही उनके द्वारा कहा कि ‘‘लोक अदालत पक्षकारों में एकता और भाईचारा बनाए रखने का एक सशक्त माध्यम है, लोक अदालत में राजीनामा के आधार पर प्रकरण के समाप्त करने से आपसी कटुता और बुराई समाप्त होती है दोनों पक्षों की जीत होती है कोई नही हारता है।

चूंकि कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन के दौरान वर्ष 2021 में यह द्वितीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश श्री बौरासी द्वारा बताया कि कोरोना काल की इस विषम परिस्थिति काल में भी न्यायालयों द्वारा विशेष प्रयास एवं सक्षमता से अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से किया गया है जो कि बहुत उत्कृष्ट व सराहनीय कार्य हैं। इसलिए कोविड-19 की गाईडलाईन के अनुसार न्यायालय परिसर में कोरोना संक्रमण के बचाव एवं रोकथाम के उपाय के साथ नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।

न्यायालय परिसर में दिनभर में चली लोक अदालत में विद्युत विभाग, बैंक, नगर निगम, आदि के समझौता स्टॉलों पर पक्षकारों की राजीनामा के लिए चर्चा करने के लिए लोग उपस्थित रहें। विधिक सेवा संस्था के सचिव हरिओम अतलसिया एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी चन्द्रेश मण्डलोई ने बताया कि कोविड-19 महामारी के रहते संक्रमण से रोकथाम के उपयों के अन्तर्गत न्यायालय परिसर में आने वाले पक्षकार को सोशल डिस्टेसिंग व मॉस्क के उपयोग के बारे में बताया गया तथा फलदार पौधों की स्मृति स्वरूप ‘‘न्याय वृक्ष’’ के रूप में पौधें प्रदान किये गये।

प्रधान न्यायाधीश श्री रविन्द्र सिहं कुशवाह के कुटुम्ब न्यायालय में लंबित प्रकरणों में जिसमें कि पति पत्नि वैचारिक व अन्य मतभेद के चलते प्रथक प्रथक निवासरत् होकर उनका वैवाहिक जीवन तलाक की ओर अग्रसर हो चुका था ऐसे मामलें में सुलह समझाईश के चलते लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण का निराकरण कर दम्पत्तियों को न्यायालय परिसर से ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री बौरासी द्वारा दमपत्तियों को पौधे वितरित कर पुष्यमाला पहनाकर रवाना किया और लोक अदालत खण्डपीठ द्वारा उनके सुखमय जीवन की कामना की गयी। नेशनल लोक अदालत की खण्डपीठ चैक वाउंस व विभिन्न न्यायालयों में एन.एच.डी.सी. के विरूद्ध चल रहे प्रकरणों में हरिओम अतलसिया एवं एन.एच.डी.सी. के अधिकारियों के विशेष प्रयास से प्रकरणों का समझौता आधार पर उल्लेखनीय निराकरण हुआ। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्राधिकारियों एवं अन्य अधिकारीगण ने जिला न्यायालय परिसर में बैंक, नगर निगम एवं विद्युत मण्डल की स्टालों पर जाकर पक्षकारों को

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