देवास कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का किया आयोजन जिले के छात्र व छात्राओं एवं कृषक ने की भागीदारी

देवास कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का किया आयोजन जिले के छात्र व छात्राओं एवं कृषक ने की भागीदारी

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-03-03 09:08 GMT
देवास कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का किया आयोजन जिले के छात्र व छात्राओं एवं कृषक ने की भागीदारी

डिजिटल डेस्क | देवास कृषि विज्ञान केन्द्र देवास द्वारा केन्द्र के प्रमुख डॉ. ए.के. दीक्षित के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख द्वारा माँ सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। डॉ. दीक्षित ने बताया कि देश में प्रतिवर्ष निर्धारित तिथि में विज्ञान दिवस छात्रों एवं लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। जिसकी मूल भावना व उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित करना, विज्ञान के क्षेत्र में नये प्रयोगों के लिए प्रेरित करना तथा विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग करना है। इसके साथ ही देश की खाद सुरक्षा बिना विज्ञान को समाहित किए हुए निश्चित करना असंभव है।

कृषि के प्रत्येक क्षेत्र जैसे-नवीन प्रजाति विकास, संतुलित एवं लक्ष्य अनुरूप उर्वरक प्रबंधन, पौध संरक्षण, बुवाई पद्धति, समन्वित कृषि प्रणाली आदि जैसे महत्वपूर्ण विषयों में विज्ञान की अहम भूमिका है। जिसके बिना भविष्य के जनसंख्या वृद्धि एवं खाद्य आपूर्ति के बीच में समन्वय स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण कड़ी है। इस दौरान छात्रों एवं कृषकों को विज्ञान के महत्वपूर्ण पहलूओं से रूबरू कराने हेतु डॉ. सविता कुमारी द्वारा मुख्य रूप से वातावरणीय नत्रजन को जमीन में स्थिरीकरण के माध्यम से फसलों को उपलब्ध कराने में विज्ञान के पहलू को अवगत कराया गया। तदोपरांत सूक्ष्म पोषक तत्व राइजोबियम कल्चर से संबंधित खेत में प्रयोगात्मक परीक्षण वर्मी कंपोस्ट ईकाई आदि का भ्रमण कराया जाकर कृषि में विज्ञान को समझाया गया।

डॉ. निशिथ गुप्ता, वैज्ञानिक उद्यानिकी द्वारा संरक्षित खेती जैसे-पॉली हाउस, मल्चिंग आदि तकनीकियों संबंधी जानकारी दी गई। साथ ही प्रदर्शन ईकाई का भ्रमण कराया जाकर विस्तृत ज्ञानवर्धन किया गया। डॉ. के.एस.भार्गव, वैज्ञानिक अभियांत्रिकी द्वारा वर्षा जल संरक्षण एवं पानी के महत्व को प्रतिपादित करते हुए विज्ञान के माध्यम से विकसित नवीन सिंचाई प्रणालियों की तरफ ध्यान आकृष्ट किया एवं पारंपरिक उर्जा स्त्रोत संबंधी जानकारी दी गई।

साथ ही केन्द्र पर प्रदर्शन ईकाई का भ्रमण कराया जाकर विज्ञान के कार्यो को विस्तृत रूप से अवगत कराया गया। इसी क्रम में डॉ. महेन्द्र सिंह, वैज्ञानिक शस्य विज्ञान द्वारा बुवाई पद्धति, नवीन प्रजातियों के विकास व गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन कार्यक्रम में बिना विज्ञान को शामिल किए हुए सफलता हासिल करना संभव नहीं है, साथ ही भ्रमण कराया जाकर आवश्यक बीज दर संबंधी जानकारी दी गई। डॉ. मनीष कुमार, कीट वैज्ञानिक ने मधुमक्खी पालन प्रदर्शन ईकाई का भ्रमण करवाते हुए बताया कि मधुमक्खी पालन एक कृषि आधारित उद्योग है, बाजार में शहद एवं इसके उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण मधुमक्खी पालन एक लाभदायक और आकर्षक उद्यम के रूप में स्थापित कर सकते हैं।

साथ ही पॉलीनेशन क्रिया संबंधी जानकारी दी गई। श्रीमती अंकिता पाण्डेय, तकनीकी अधिकारी प्रसार द्वारा केन्द्र पर स्थापित प्रदर्शनी गैलरी का भ्रमण कराते हुए समन्वित कृषि प्रणाली, ड्रिप इरीगेशन, संरक्षित खेती एवं विभिन्न प्रकार के बीजों की प्रजातियों के बारे में बताया। डॉ. लक्ष्मी मत्स्य वैज्ञानिक द्वारा मछली पालन रोहू, ग्रास, नरेन, कतला आदि, मत्स्य हेचरी एवं तालाब का भ्रमण करवाया गया। कार्यक्रम में शासकीय मॉडर्न उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक, बारहवीं कक्षा के छात्र व छात्रायें एवं कृषक द्वारा भागीदारी की गई। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अंकिता पाण्डेय एवं आभार प्रदर्शन डॉ. महेन्द्र सिंह द्वारा किया गया।

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