आयकर विभाग के पास मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के बेनामी सम्पत्ति के मात्र दो मामले

आयकर विभाग के पास मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के बेनामी सम्पत्ति के मात्र दो मामले

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-12 17:38 GMT
आयकर विभाग के पास मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के बेनामी सम्पत्ति के मात्र दो मामले

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र और छत्तीसगढ़ में बेनामी सम्पत्ति के सिर्फ दो मामलों में जांच चल रही है, जिसमें 500 करोड़ रुपये की सम्पत्ति शामिल है। देशभर में 2900 करोड़ रुपये मूल्य की बेनामी सम्पत्ति के मामलों में जांच चल रही है। यह जानकारी सोमवार को भोपाल में आयकर विभाग की इन्टेलीजेंस एण्ड क्रिमिनल इन्वेटीगेशन विंग नई दिल्ली के महानिदेशक कृष्ण मोहन प्रसाद ने संवाददाताओं को दी। 

उन्होंने बताया कि नोटबंदी के बाद आयकर विभाग के पास मप्र-छत्तीसगढ़ में 6 हजार करोड़ रुपये के गड़बड़ी संबंधी मामले आये हैं। इनमें से 292 करोड़ रुपये के 316 मामले कर निर्धारण अधिकारियों के पास भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि देश की विकास दर 7-8 प्रतिशत होती है परन्तु आयकर विभाग को हर साल पन्द्रह प्रतिशत ज्यादा कर संग्रहण का लक्ष्य मिलता है। इस बार उसके पास लक्ष्य 10 लाख करोड़ रुपयों का है और आयकर विभाग हर साल अपने लक्ष्य को पूरा करता है। 

रोजाना आते हैं आपसी रंजिश के पत्र
मोहन प्रसाद ने बताया कि गलत सूचनाओं के परीक्षण में उनका काफी समय खराब होता है। उनके घर पर ही रोजाना 10-15 ऐसे पत्र आते हैं जिनमें से अधिकांश आपसी रंजिश के होते हैं। उन्होंने बताया कि बेनाम सम्पत्ति कानून के दायरे में अब यह भी है कि आपने किसी अन्य के बैंक खाते में धन जमा कराकर वापस निकाला है या दूसरे के नाम से कार खरीदकर चला रहे हैं।

मुख्य अस्पतालों पर विशेष नजर
मोहन प्रसाद ने बताया कि देश के बड़े और मुख्य अस्पतालों पर आयकर विभाग की विशेष नजर है। इनमें मरीज दो लाख रुपये से ज्यादा का कैश इलाज हेतु जमा करा रहे हैं। भोपाल के बंसल अस्पताल और इंदौर के गोकुलदास अस्पताल में भी यही मामला सामने आया है जिसकी जांच की जा रही है। ज्ञातव्य है कि अस्पतालों में दो लाख से ज्यादा कैश जमा कराने पर जुर्माने का प्रावधान है। क्रिप्टो करेंसी के बारे में उन्होंने कहा कि अभी इसे भारत सरकार ने गैर कानूनी नहीं घोषित किया है।