रायपुर : बाड़ियों में सब्जियों के बम्पर उत्पादन से बढ़ा किसानों का उत्साह

रायपुर : बाड़ियों में सब्जियों के बम्पर उत्पादन से बढ़ा किसानों का उत्साह

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-07-24 09:05 GMT
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डिजिटल डेस्क, रायपुर, 23 जुलाई 2020 राज्य सरकार के महत्वकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी योजना के तहत सुकमा जिले के किसान अपने बाड़ियों में सब्जियां उगाकर आत्मनिर्भर हो रही हैं। जिले को अब जगदलपुर और मलकानगिरी के सब्जियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा है। जिले के किसान इस मानसून सीजन में धान और मक्का की बोआई और रोपाई पूरा करने के बाद अब अपने बाड़ियों में सब्जियों की खेती की तैयारी में लग गए हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने हेतु लघु और सीमांत किसानों को सब्जियों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी योजना संचालित की जा रही है। योजना से किसानों में काफी उत्साह बढ़ा रहा है। अब किसान अपने बाड़ियों में राज्य शासन की योजनाओं का लाभ उठाते हुए बड़ी मात्रा में सब्जी-भाजी एवं अन्य फसले भी लेने लगे हैं। उद्यानिकी विभाग के अधिकारी ने आज यहां बताया कि सर्दी और गर्मियों के दौरान सुकमा जिले में सब्जियों की बम्पर पैदावार से किसानों का उत्साह बढ़ा है। पिछले रबी सीजन में विभाग की सहायता से एक हजार 674 किसानों ने अपने बाड़ियों में सब्जियों का उत्पादन किया था। साथ ही एक हजार 237 नई बाड़ियां भी तैयार की गई थीं। बाड़ी कार्यक्रम के तहत शासन की योजनाओं से इन छोटे किसानों को सब्जी बीज, खाद व मजदूरी की राशि भी उपलब्ध कराई गई थी। इनमें 6 हजार 696 क्विंटल सब्जियों का उत्पादन हुआ था। इससे इन छोटे किसानों को घरेलू उपयोग के लिए घर की बाड़ी में ही पौष्टिक और स्वादिष्ट सब्जियां मिल गई रही है। वहीं वे अपने बाड़ी की सब्जियां आस-पास के हाट-बाजार में बेचकर अच्छी आमदनी हासिल कर रहे हैं। गांवों में ताजी सब्जियों के उत्पादन के कारण जिले के कस्बों में रहने वाले लोगों को भी लॉकडाउन के दौरान काफी राहत मिली, जो ज्यादातर जगदलपुर और मलकानगिरी से आने वाली सब्जियों पर निर्भर रहते थे। बाड़ी कार्यक्रम की सफलता से उत्साहित उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने इस बार एक हजार 810 और अन्य किसानों के बाड़ियों में सब्जियां लगाने का लक्ष्य रखा है। अब तक एक हजार 880 किसानों ने इस योजना का लाभ लेने के लिए पंजीयन करवा चुके हैं। क्रमांक-2783/ओम

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