बेहोशी की दवा पिलाकर होस्टल में छात्राओं का सेक्सुअल हैरासमेंट, बालिकाओं को न्याय दिलाने सड़क पर उतरे लोग

बेहोशी की दवा पिलाकर होस्टल में छात्राओं का सेक्सुअल हैरासमेंट, बालिकाओं को न्याय दिलाने सड़क पर उतरे लोग

Anita Peddulwar
Update: 2019-04-19 07:44 GMT
बेहोशी की दवा पिलाकर होस्टल में छात्राओं का सेक्सुअल हैरासमेंट, बालिकाओं को न्याय दिलाने सड़क पर उतरे लोग

डिजिटल डेस्क,चंद्रपुर। होस्टल में बेहोशी की दवा खिलाकर छात्राओं से सेक्सुअल हरासमेंट का मामला सामने आने के बाद जनता का गुस्सा फूट पड़ा है। बालिकाओं को न्याय दिलाने लोग रास्ते पर उतर आए हैं। राजुरा के इनफंट जीजस विद्यालय के होस्टल में नाबालिग बालिकाओं के साथ अत्याचार मामले में पीड़ित छात्राओं को न्याय दिलाने के साथ ही संस्था अध्यक्ष के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर जिले के विभिन्न आदिवासी संगठनों तथा सामाजिक संगठनों ने राजुरा में विशाल आक्रोश मोर्चा निकाला।

स्थानीय पंचायत समिति चौक से आरंभ हुए इस मोर्चे में हजारों की संख्या में महिला, पुरुष समेत छात्र-छात्राए शामिल हुए थे। साथ ही विभिन्न राजनीतिक दल के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। शहर के मुख्य मार्ग से होते हुए इस मोर्चे का समापन जिला परिषद विद्यालय के प्रांगण में हुआ। इस दौरान संस्थाध्यक्ष पूर्व विधायक सुभाष धोटे, संस्था के सचिव नगराध्यक्ष अरुण धोटे के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर कार्रवाई की मांग की गई।  पश्चात जिला परिषद विद्यालय के प्रांगण में आयोजित एक सभा में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों ने इस मामले में पुलिस की कार्रवाई के प्रति असंतोष दर्शाते हुए मामले की जांच सीबीआई या सीआईडी को सौंपे जाने की मांग की। इस समय आंदोलनकर्ताओं द्वारा तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।

मोर्चे में शामिल आंदोलनकर्ताओं ने बीच रास्ते में बैठने से काफी देरतक इस मार्ग की यातायात बाधित रही। इस समय राजुरा बसस्टैंड से लेकर रेलवे क्रासिंग तक वाहनों की कतारेें लग गयी थी। मोर्चे को भाजप सेना बसपा भारिप, बहुजन महासंघ समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपना समर्थन दिया । मोर्चे में सभी दलों के नेता व कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। दौरान पुलिस प्रशासन ने तगड़ा बंदोबस्त रखा था।  उपविभागीय पुलिस अधीक्षक शेखर देशमुख पूरी दल-बल के साथ स्थिति पर नजर बनाये हुए थे। किसी अनुचित घटना की आशंका के चलते पुलिस प्रशासन द्वारा संस्था के संचालक के घर पर पुलिस संरक्षण दिया गया।  

 

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