शिमला में पानी का संकट, हाईकोर्ट ने कहा- VIP को ना मिले खास सहूलियत

शिमला में पानी का संकट, हाईकोर्ट ने कहा- VIP को ना मिले खास सहूलियत

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-30 14:32 GMT
शिमला में पानी का संकट, हाईकोर्ट ने कहा- VIP को ना मिले खास सहूलियत

डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला बीते आठ दिनों से पानी की भारी कमी से जूझ रही है, जिसके चलते लोगों को पीने के पानी तक के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जल संकट इतना ज्यादा है कि लोगों को मॉल रोड पर पानी के लिए लाइन लगाकर खड़े होना पड़ रहा है. पानी की कमी की वजह से सड़कों पर लोगों का गुस्सा भी दिख रहा है. लोगों ने मुख्यमंत्री के घर प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि उनके हिस्से का पानी वीआइपी घरों और बड़े होटलों को दे दिया जा रहा है. पानी की किल्लत से होटल संचालक खासे परेशान हैं. टूरिस्ट सीजन के चलते शहर के तमाम होटल भरे हैं. दूसरी तरफ होटलों में पानी की सप्लाई ठप है।

उधर, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला नगर निगम से कहा है कि मंत्री, विधायक, जज, पुलिस अफसरों या दूसरे वीआईपी लोगों के लिए पानी का कोई विशेष इंतजाम ना किया जाए, कोशिश की जाए कि सभी को पानी मिल सके। हाईकोर्ट ने मंगलवार को शिमला नगर निगम को ये आदेश दिया है।

कोर्ट ने एक हफ्ते के लिए निर्माण कार्य और गाड़ियों की धुलाई पर भी रोक लगाने के आदेश दिए हैं. सोशल मीडिया के जरिए पर्यटकों से भी शिमला में कुछ दिन न आने की गुजारिश की गई है। शिमला में पहली बार इतने बड़े स्तर पर पानी का संकट खड़ा हुआ है। 8 दिनों से पानी ना होने के चलते कई जगहों पर पर्यटकों को वापस जाने को भी कहा गया है। शिमला में पानी की सप्लाई गिरने की सबसे बड़ी वजह यहां के गिरी और गुम्मा वॉटर स्कीम में पानी का सूखना और कम बारिश बताया जा रहा है।

यहां से आता है पानी
बताया जा रहा है कि शिमला में पानी गुम्मा, गिरी, अश्विनी खाड और सिओग से आता है। यहां से 65 मिलियन लीटर पानी हर दिन आता है, शिमला में हर दिन करीब 45 मिलियन लीटर पानी की खपत है लेकिन शहर को 35 मिलियन पानी ही मिल पा रहा है, क्योंकि बड़ी तादाद में पानी लोगों तक पहुंचते-पहुंचते बर्बाद हो जाता है।