बगैर मंत्रिमंडल विस्तार शिंदे-फडणवीस सरकार के एक माह पूरे
अगस्त में हो सकता है कैबिनेट विस्तार बगैर मंत्रिमंडल विस्तार शिंदे-फडणवीस सरकार के एक माह पूरे
डिजिटल डेस्क, मुंबई । सिर्फ दो कैबिनेट सदस्यों वाली राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार ने शनिवार को एक माह पूरा कर लिया। हालांकि अभी भी मंत्रिमंडल विस्तार के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं। एक माह बाद भी मंत्रिमंडल विस्तार न होने पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर राजनीतिक उठा पटक के बाद सत्ता में आई मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के गठन को शनिवार को एक महीना पूरा हो गया, लेकिन इसके कैबिनेट विस्तार के अभी कोई संकेत नहीं हैं। शिंदे की अगुवाई में कई विधायकों के शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह करने के 10 दिन बाद राज्य में नयी सरकार का गठन हुआ था। शिंदे ने 30 जून को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और अप्रत्याशित घटनक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
दो सदस्यों वाली कैबिनेट ले रही तेज फैसले
सत्ता में आने के बाद शिंदे सरकार ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया, जिसे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। दो सप्ताह पहले फडणवीस ने कहा था कि परियोजना में तेजी लाने के लिए सभी मंजूरी दे दी गई है। गौरतलब है कि वर्तमान में शिंदे और फडणवीस ही कैबिनेट के सदस्य हैं। कैबिनेट विस्तार में देरी के कारण विपक्षी दलों को सरकार पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष रत्नाकर महाजन ने शिंदे सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह राज्य के इतिहास में पहली बार है कि दो सदस्यों का एक विशाल मंत्रिमंडल बाढ़, कुछ स्थानों पर बारिश की कमी और अन्य मामलों को संभाल रहा है। उन्होंने कहा-किसी राजनीतिक दल के लिए कभी इतनी दयनीय स्थिति नहीं रही कि वह एक महीने में किसी राज्य में पूर्ण मंत्रिमंडल नहीं बना पाया हो।
विभागों के बंटवारे में कोई विवाद नहीः केसरकर
इस बीच शिंदे गुट के मुख्य प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि शिवसेना के विधायक विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए कैबिनेट मंत्रियों की तुलना में पालमंत्री बनने में अधिक रुचि रखते हैं। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि विभागों के आवंटन को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि लंबे समय के बाद महाराष्ट्र को एक ऐसा मुख्यमंत्री मिला है,जो लोगों के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध है। शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा कि पिछले एक महीने से कोई सरकार अस्तित्व में नहीं है। इससे पहले कभी भी महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा को इस तरह से कम नहीं किया गया। राज्य के सम्मान से समझौता किया गया। शिंदे और फडणवीस द्वारा ली गई शपथ अवैध है। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में देरी का कारण शिवसेना के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई सहित कुछ भी हो सकता है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि एक महीने बाद भी कैबिनेट बनाने में असमर्थता से पता चलता है कि राज्य में राजनीतिक स्थिति अब भी ठीक नहीं है।
66 दिनों बाद तेलंगाना में हुआ था मंत्रिमंडल विस्तार
महाराष्ट्र में सरकार गठन के 30 दिनों बाद भी मंत्रिमंडल विस्तार न होने के मामला गर्मा गया है पर तेलंगाना में सरकार गठन के 66 दिनों बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था। तब तक मुख्यमत्री चंद्रशेखर राव व मोहम्मद अली ही सरकार चला रहे थे। दरअसल 2018 में तेलंगना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को फिर से सत्ता मिलने के बाद राव ने अली ने 13 दिसंबर 2018 को शपथ ली थी जबकि मंत्रिमंडल विस्तार 19 फरवरी 2019 को हुआ था। इस बीच 66 दिनों कर कैबिनेट के दो सदस्यों ने ही सरकार चलाई थी। अब महाराष्ट्र में इस बात को लेकर चर्चा है कि क्या शिंदे इस रिकार्ड को तोड़ेगे अथवा उसके पहले मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगाॽ