उत्तराखंड की सस्पेंडेड शिक्षिका को मिला बिग बॉस से ऑफर

उत्तराखंड की सस्पेंडेड शिक्षिका को मिला बिग बॉस से ऑफर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-03 14:27 GMT
उत्तराखंड की सस्पेंडेड शिक्षिका को मिला बिग बॉस से ऑफर

डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से विवाद के बाद सस्पेंड की गई महिला शिक्षक उत्तरा पंत बहुगुणा को बिग बॉस से ऑफर मिला है, हालांकि उन्होंने इस ऑफर को ठुकरा दिया है। बहुगुणा ने कहा, "मैं बस अपनी गृहस्थी चलाना चाहती हूं और बच्चों की देखभाल करना चाहती हूं"। बता दें कि बहुगुणा अपने ट्रांसफर की मांग लेकर सीएम के जनता दरबार में पहुंची थी जहां पर उनकी सीएम से बहस हो गई थी।

 

 

मानसिक रूप से स्वतंत्र नहीं
उत्तरा पंत ने बिग बॉस में शामिल नहीं होने की एक वजह ये भी बताई कि उनका इतना मानसिक उत्पीड़िन हो चुका है कि वह बिग बॉस में शामिल नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि मानसिक रूप से स्वतंत्र होकर ही ऐसे कार्यक्रमों में शामिल हुआ जा सकता है। बता दें कि 2 जुलाई को बहुगुणा के पास बिग बॉस के लिए फोन आया था। इससे पहले बहुगुणा को कांग्रेस की तरफ से राजनीति में शामिल होने का भी ऑफर मिल चुका है। बहुगुणा ने इस ऑफर को भी यह कहते हुआ ठुकरा दिया था कि राजनीति में षड़यंत्र होते है।

सीएम ने दिए थे सस्पेंड करने के आदेश
गौरतलब है कि गुरुवार (28 जून) को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के दरबार में उत्तरकाशी जिले में तैनात महिला शिक्षक उत्तरा पंत बहुगुणा अपने तबादले की फरियाद लेकर पहुंची थी। महिला अपना ट्रांसफर उत्तरकाशी से देहरादून करवाना चाहती थी। तबादले के मामले में तत्काल कोई कार्रवाई न होने पर वह बिफर गईं। इसके बाद सीएम रावत आपा खो बैठे और उन्होंने महिला शिक्षक को सस्पेंड करने के आदेश दे डाले।

लंबे समय से ट्रांसफर नहीं हुआ
उत्तरा पंत बहुगुणा के परिजनों का कहना था कि वे पिछले 25 साल से उत्तरकाशी जिले के दुर्गम विद्यालय में तैनात हैं। वहीं पर उनके पति की भी बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। काफी लंबे समय से आवेदन के बाद भी उनका ट्रांसफर नहीं किया गया। गुरुवार को भी सीएम के सामने अपनी समस्या रखने गईं, लेकिन सीएम उनकी समस्या नहीं समझ पाए। जिस कारण विवाद की स्थिति बनी।

ट्रांसफर करना मेरे हाथ में नहीं
वहीं सीएम के मीडिया कॉर्डिनेटर दर्शन सिंह रावत ने मामले में कहा था कि सीएम ने महिला शिक्षक की बात को गौर से सुना था। इसके बाद सीएम ने महिला को स्पष्ट किया कि स्थानांतरण एक्ट लागू होने के बाद वे खुद इस मामले में कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। चूंकि, महिला शिक्षिका का जिला कैडर है, लिहाजा नियमानुसार स्थानांतरण उत्तरकाशी जिले के भीतर ही हो सकता है।