मेगा टेक्सटाइल पार्क औरंगाबाद ले जाना जनता से विश्वासघात: डॉ. देशमुख

विरोध मेगा टेक्सटाइल पार्क औरंगाबाद ले जाना जनता से विश्वासघात: डॉ. देशमुख

Anita Peddulwar
Update: 2022-07-27 09:14 GMT
मेगा टेक्सटाइल पार्क औरंगाबाद ले जाना जनता से विश्वासघात: डॉ. देशमुख

डिजिटल डेस्क, अमरावती। अमरावती के नांदगांवपेठ में औद्योगिक क्षेत्र में पीएम मित्रा योजना में मेगा टेक्सटाइल पार्क लगाने का निर्णय लिया गया था, जिसे बदलकर नई सरकार ने औरंगाबाद ले जाने की तैयारी कर ली है। यह अमरावती की जनता के साथ विश्वासघात है। इससे यहां के एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष और एक लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलता यह उनके परिवार के करीब 8 लाख आश्रित लोगों के साथ अन्याय होगा। यह बात पूर्व पालकमंत्री डॉ. सुनील देशमुख ने पत्र-परिषद में कही। वह मंगलवार को राजापेठ स्थित श्रमिक पत्रकार भवन में बोल रहे थे। इस अवसर पर कांग्रेस शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, प्रवक्ता मिलिंद चिमोटे, दिलीप एडतकर, पूर्व महापौर विलास इंगोले, भैया पवार आदि उपस्थित थे। डॉ. देशमुख ने नाम लिए बिना ही सांसद नवनीत राणा और डॉ. अनिल बोंडे की ओर इशारा करते हुए कहा कि, केंद्र सरकार से नजदीकी रखने वाले सांसद हैं। इसके बाद भी यदि अमरावती का मेगा टेक्सटाइल पार्क औरंगाबाद चला जाएगा तो यह जनता के साथ विश्वासघात होगा। उन्होंने कहा कि, भारत डायनामिक्स लिमिटेड प्रकल्प भी निजी हस्तक्षेप के चलते हैदराबाद चला गया है। 

उन्होंने बताया कि, पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एण्ड अपरेल (पीएम मित्र) पार्क अमरावती में स्थापित करने की घोषणा तत्कालीन वित्त मंत्री ने की थी। इसके लिए बजट में 4445 करोड़ रुपए का बजट भी प्रस्तावित किया था। इसके प्रस्ताव मंगवाए गए थे, जिसकी अंतिम तिथि 15 मार्च 2022 थी, उनको 13 राज्य के 17 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इसमें महाराष्ट्र का एकमात्र अमरावती का प्रस्ताव था। इसके बाद औरंगाबाद का नाम इसमें कैसे जुड़ गया। इसमें औरंगाबाद का नाम आने पर अमरावती को बाहर कर दिया जाएगा। विशेष बात यह है कि, अमरावती में इस प्रोजेक्ट को जितनी जगह चाहिए उससे ज्यादा है। साथ ही कपास की खेती वाला क्षेत्र है। किसान आत्महत्याग्रस्त क्षेत्र है, जिससे किसानों का उत्थान करने में मदद होगी। किसान का माल खेत से विदेश निर्यात : डॉ. देशमुख ने कहा कि, यह प्रकल्प 5 एफ अर्थात खेती, फाइबर, फेब्रिक, फैशन और फॉरेन पर काम करता है। इसका प्रकल्प का उद्देश्य किसान के माल को खेत से विदेश में निर्यात करना है। अमरावती जैसे किसान अात्महत्याग्रस्त क्षेत्र को इस प्रकल्प की अत्यंत आवश्यकता है।

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