राज्यपाल सुश्री उइके के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ विधानसभा का बजट सत्र!

राज्यपाल सुश्री उइके के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ विधानसभा का बजट सत्र!

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-02-22 08:49 GMT
राज्यपाल सुश्री उइके के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ विधानसभा का बजट सत्र!

डिजिटल डेस्क | सभी मोर्चों पर खरी उतरी मेरी सरकार, कोरोना काल में भी अनेक क्षेत्रों में हासिल की नई उपलब्धियां: सुश्री उइके गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की कल्पना को साकार करने के लिए एकजुट होकर किये गए कार्य रायपुर, 22 फरवरी 2021 राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके के अभिभाषण के साथ आज छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 के छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले सत्र में आप सबका हार्दिक अभिनंदन करती हूं। मुझे खुशी है कि आप सब ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की कल्पना को साकार करने के लिए एकजुट होकर कार्य कर रहे हैं।

कोरोना महामारी ने विगत वर्ष अकस्मात ही पूरी दुनिया को अनिश्चितता के अंधेरे में धकेल दिया था। मानवता के सामने आए इस ऐतिहासिक संकट से निपटने में आप सबने मेरी सरकार को जो सहयोग दिया, प्रदेश की जनता को राहत दिलाने में जो जमीनी मदद की, उसके लिए मैं आप सबको साधुवाद देती हूं। कोरोना संकट के अंधेरे काल और जंजाल से बाहर निकलने की उम्मीद के साथ, नए साल की शुरुआत हुई। कोरोना-प्रभावित विकास कार्यों के साथ नए लक्ष्यों को पूरा करने की दोहरी जिम्मेदारियों के सफलतापूर्वक निर्वाह के लिए, मैं आप सबको शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि बीता साल अनेक चुनौतियों से भरा था, जैसे रोज कमाने-खाने वाले परिवारों का भोजन और आजीविका, कुपोषण से लड़ रहे परिवारों को निरंतर पोषण आहार प्रदाय, प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी और उनका पुनर्वास, कोरोना संक्रमण से बचाव और संक्रमित लोगों का उपचार, जनता का मनोबल बनाए रखने के इंतजाम, आर्थिक गतिविधियों की स्वाभाविक गति बनाए रखना, जन-जीवन को भय के भंवर से निकालकर सतर्कतापूर्वक जीवनयापन आदि। मुझे खुशी है कि इन सभी मोर्चों पर मेरी सरकार खरी उतरी है और प्रदेश कोरोना काल में भी अनेक क्षेत्रों में नई उपलब्धियां हासिल कर सका। 67 लाख से अधिक राशन कार्डधारी परिवारों का खाद्यान्न राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने प्रदेश को इस कठिन दौर से निकालने के लिए सूझबूझ के साथ काम किया, जिससे 67 लाख से अधिक राशन कार्डधारी परिवारों को उनकी पात्रता अनुसार खाद्यान्न, शक्कर, नमक, केरोसीन, बस्तर संभाग में गुड़, कोण्डागांव जिले में फोर्टिफाइड राइस वितरण सुरक्षा उपायों के साथ संभव हो पाया।

57 लाख अंत्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा, एकल निराश्रित तथा निःशक्तजन कार्डधारियों को 8 माह तक पात्रता अनुसार चावल तथा चना भी निःशुल्क दिया गया। प्रवासी श्रमिकों तथा अन्य लोगों की सुरक्षित घर वापसी हुई। गांव-गांव में सबकी खाद्य सुरक्षा के लिए 11 हजार से अधिक पंचायतों में 2-2 क्विंटल चावल उपलब्ध कराया गया। ऐसे अनेक प्रयासों के सकारात्मक नतीजे मिले। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की लौ कोरोना काल में भी जलती रही सुश्री उइके ने कहा कि मेरी सरकार ने 2 अक्टूबर 2019 को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के रूप में जो अलख जगाई थी, उसकी लौ कोरोना काल में भी जलती रहे, इसके लिए 3 लाख 62 हजार से अधिक हितग्राहियों के साथ ही 51 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों के 24 लाख से अधिक हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट पोषण सामग्री दी गई।

मध्याह्न भोजन योजना के 29 लाख से अधिक हितग्राही स्कूली बच्चों को भी रेडी-टू-ईट सूखा राशन सुरक्षित रूप से घर पहुंचाकर दिया गया। इतना ही नहीं, गर्म भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों को कोरोना से बचाव के उपायों के साथ 7 सितम्बर 2020 को पुनः शुरू कर दिया गया। मातृ शक्ति का मनोबल और स्वावलम्बन बढ़ा राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार की प्रतिबद्धता से एक वर्ष में 99 हजार बच्चों को कुपोषण से तथा 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से मुक्ति मिली है। महिलाओं और बच्चों की बेहतर देख-रेख और विकास के लिए महतारी जतन योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, सक्षम योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, स्वावलम्बन योजना, नवा बिहान योजना, स्व-आधार गृह योजना, उज्ज्वला गृह योजना, महिला पुलिस स्वयंसेविका योजना, छत्तीसगढ़ महिला कोष योजना, महिला शक्ति केन्द्र योजना आदि को सुचारू ढंग से लागू किया गया, जिससे मातृ शक्ति का मनोबल और स्वावलम्बन बढ़ा है।

प्रदेश के 95 प्रतिशत से अधिक किसानों का धान खरीदने वाला देश का पहला राज्य बना छत्तीसगढ़ राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ने एक बार फिर किसानों से किया गया वादा निभाया है। चुनौतियों के बीच सुधार और संकल्प के साथ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गई। इस वर्ष सर्वाधिक 21 लाख 52 हजार 980 किसान पंजीकृत हुए थे, जिनमें से 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने अपना धान बेचा। इस प्रकार नई व्यवस्था और नए संकल्प से छत्तीसगढ़ 95.40 प्रतिशत किसानों का धान खरीदने वाला दे|

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