नाबालिग के दुष्कर्मी को अंतिम सांस तक भुगतना होगा जेल, सौंसर न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा

छिंदवाड़ा नाबालिग के दुष्कर्मी को अंतिम सांस तक भुगतना होगा जेल, सौंसर न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा

Manuj Bhardwaj
Update: 2023-04-29 18:45 GMT
नाबालिग के दुष्कर्मी को अंतिम सांस तक भुगतना होगा जेल, सौंसर न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। सौंसर न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश ने दस साल की नाबालिग से दुष्कर्म के चिन्हित प्रकरण में फैसला सुनाया है। न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी करार देते हुए पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास शेष प्राकृतिक जीवनकाल व अर्थदंड से दंडित किया है। मामला बिछुआ थाना क्षेत्र का है। इस मामले की विवेचना एसआई पूनम उईके और टीआई आरआर दुबे ने की थी।

विशेष लोक अभियोजक अखिल कुमार कुशराम ने बताया कि ११ अप्रैल २०२१ को गांव में खेल रही एक दस साल की बच्ची को आरोपी ३५ वर्षीय संदीप कायदा ने सीताफल तोडऩे का झांसा देकर जंगल ले गया था। जंगल में आरोपी ने बालिका से दुराचार की वारदात को अंजाम दिया था। घर आकर पीडि़ता ने अपने साथ हुए कृत्य की जानकारी परिजनों को दी। मामला बिछुआ थाने पहुंचा। यहां पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले के आरोपी संदीप कायदा को न्यायाधीश ने दोषी करार दिया है। न्यायाधीश ने आरोपी को पॉक्सो एक्ट की धारा ६ में आजीवन कारावास शेष प्राकृतिक जीवनकाल और अर्थदंड से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से गोपाल कृष्णा हलदार डीडीपी, समीर पाठक डीपीओ के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक अखिल कुमार कुशराम द्वारा सशक्त पैरवी की गई।
 

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