नगर तथा ग्राम निवेश अंतर्गत - अमृत नगर योजना पर आधारित विकास योजनाएं एवं उपलब्धियाँ!

अमृत नगर योजना नगर तथा ग्राम निवेश अंतर्गत - अमृत नगर योजना पर आधारित विकास योजनाएं एवं उपलब्धियाँ!

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-09-16 08:10 GMT
नगर तथा ग्राम निवेश अंतर्गत - अमृत नगर योजना पर आधारित विकास योजनाएं एवं उपलब्धियाँ!

डिजिटल डेस्क | खण्डवा आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अटल नवीनीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन "Atal Mission for Rejuvenation - Urban Transformation" के अंतर्गत वर्ष 2015 में देश के सभी शहरों हेतु अधोसंरचना जैसे पानी की आपूर्ति, सीवेज कनेक्शन, बिजली, परिवहन, हरितक्षेत्र, सीवरेज सुधार, बाढ़ को कम करने के लिए वर्षा जल नाले, पैदल मार्ग, गैर मोटरीकृत और सार्वजनिक परिवहन सुविधायें, पार्किंग स्थल, बच्चों के लिए हरित स्थलों, पार्कों एवं मनोरंजन केन्द्रों का विकास और उन्नयन करके शहरों की भव्यता बढ़ाने के उद्देश्य से देश में संचालित की गई है। उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश श्रीमती कविता नागर ने बताया कि इस योजना के माध्यम से चयनित शहरों की विकास योजना सुदूर संवेदन तकनीकी उपग्रह चित्र एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली से तैयार चित्र की सहायता से उपरोक्त सुविधाओं को अंकित कर विस्तृत विकास योजना तैयार किया जाना है।

इस योजना की उपयोजना के अंतर्गत चयनित शहरों की विकास योजना में सुदूर संवेदन तकनीकी उपग्रह चित्र (रिमोट सेंसिंग) एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली का महत्वपूर्ण योगदान है। इस योजना की उपयोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश के चयनित 34 शहरों की विकास योजना में सुदूर संवेदन तकनीक से (रिमोट सेंसिंग) एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली का उपयोग कर, विकास योजना तैयार करने हेतु मापदण्ड दिये गये है। इस पद्धति के आधार पर वर्तमान भूमि उपयोग, जनसांख्यिकी, सर्वेक्षण में प्राप्त विभिन्न आंकड़ों का वैज्ञानिक पद्धति के माध्यम से नियोजन दृष्टिकोण को आधारित विकास योजनायें तैयार की जाना है। उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश श्रीमती नागर ने बताया कि खण्डवा जिला कार्यालय के अंतर्गत तीन नगरों की विकास योजनाएं अमृत गाईड लाईन के अनुसार तैयार कर प्रकाशित की गई है। इसमें ओंकारेश्वर विकास योजना 2031 राजपत्र 7 जून 2021 में प्रकाशित कर प्रभावशील है। इसी प्रकार बुरहानपुर विकास योजना 2031 (प्रारूप) राजपत्र में प्रकाशन 11 दिसम्बर 2020 एवं खण्डवा विकास योजना 2035 (प्रारूप ) राजपत्र में प्रकाशन 26 फरवरी 2021 में किया गया।

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