अगली सुनवाई तक छिंदवाड़ा महापौर को पद से नहीं हटाया जाएगा

अगली सुनवाई तक छिंदवाड़ा महापौर को पद से नहीं हटाया जाएगा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-07 07:49 GMT
अगली सुनवाई तक छिंदवाड़ा महापौर को पद से नहीं हटाया जाएगा

डिजिटल डेस्क,जबलपुर । राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग दी कि छिंदवाड़ा महापौर कांता योगेश सदारंग को अगली सुनवाई तक पद से नहीं हटाया जाएगा। जस्टिस सुजय पॉल की एकल पीठ ने महापौर को पद से हटाने के शोकॉज नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई 12 फरवरी को नियत की है।
 

शासन ने लगाए हैं आरोप

छिंदवाड़ा की महापौर कांता योगेश सदारंग की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि राज्य शासन के नगरीय प्रशासन विभाग ने उन्हें 31 जनवरी को पद से हटाने के शोकॉज नोटिस दिया। शोकॉज नोटिस में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने नगर निगम की विधि अनुसार बैठक नहीं कराई। उन पर दूसरा आरोप लगाया गया कि नगर निगम के 17 पार्षदों द्वारा लिखित पत्र देने के बाद भी नगर निगम का सम्मेलन नहीं बुलाया। शासन की ओर से उन पर तीसरा आरोप लगाया गया कि उन्होंने इतवारी बाजार की 17 दुकानों का आवंटन बिना प्रीमियम के कर दिया है। महापौर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव और आदित्य खांडेकर ने तर्क दिया कि छिंदवाड़ा नगर निगम की महापौर भारतीय जनता पार्टी की है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही उन्हें दुर्भावना पूर्वक पद से हटाने की कार्रवाई की जा रही है।

उन्हें पद से हटाने के लिए 31 जनवरी को शोकॉज नोटिस दिया गया है। महापौर ने शोकॉज नोटिस का जवाब देने के लिए 2 फरवरी को उन लगाए गए तीन आरोपों की जांच रिपोर्ट नगरीय प्रशासन विभाग से मांगी है, लेकिन अभी तक उन्हें जांच रिपोर्ट नहीं दी गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता श्री कौरव ने एकल पीठ से अनुरोध किया कि शोकॉज नोटिस पर रोक लगाई जाए। राज्य शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता विवेक रंजन पांडे ने तर्क दिया कि छिंदवाड़ा महापौर को दिए गए शोकॉज नोटिस पर जवाब देने की मियाद 16 फरवरी तक है। नियमानुसार तब तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है। शासकीय अधिवक्ता श्री पांडे ने अंडरकेटिंग दी कि अगली सुनवाई तक महापौर को पद से नहीं हटाया जाएगा। राज्य सरकार की अंडरटेकिंग के आधार पर एकल पीठ ने याचिका की अगली सुनवाई 12 फरवरी को नियत की है।