कोरोना वायरस: एमबुलेंस में लेबर पेन से तड़प रही थी महिला, पुलिस ने मानवता भी नहीं दिखाई

कोरोना वायरस: एमबुलेंस में लेबर पेन से तड़प रही थी महिला, पुलिस ने मानवता भी नहीं दिखाई

Tejinder Singh
Update: 2020-03-28 07:27 GMT
कोरोना वायरस: एमबुलेंस में लेबर पेन से तड़प रही थी महिला, पुलिस ने मानवता भी नहीं दिखाई

डिजिटल डेस्क, सिरोंचा (गड़चिरोली)। देश और राज्य में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिये सभी राज्यों की सीमाएं सील की गई है। वहीं सीमा पर पुलिस कर्मियों को तैनात कर वाहनों की आवाजाही रोकने का आदेश दिया गया है। जिसका खामियाजा सिरोंचा तहसील की एक गर्भवती महिला को भुगतना पड़ा। बता दें कि,महाराष्ट्र तेलंगाना सीमा पर तेलंगाना की ओर  लेबर पेन से तड़प रही गर्भवती को लेकर जा रही एम्बुलेंस को तेलंगाना पुलिस ने रोका। महिला के परिजनों ने गुहार लगाई लेकिन पुलिस ने आदेश का हवाला देते हुए प्रवेश में देने मेंआनाकानी की। घंटों तक गर्भवती को प्रसव पीड़ा से तड़पना पड़ा। यह मामला सिरोंचा-तेलंगाना सीमा पर सामने आया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सिरोंचा तहसील के मंडलापुर गांव निवासी एक गभर्वती महिला के प्रसूति का समय करीब आने के कारण स्थानीय डाक्टर ने गर्भवती को रेफर करने की सलाह दी। फलस्वरूप गर्भवती के परिजनों ने उसे तेलंगाना के अस्पताल में ले जाना उचित समझा। जिसके अनुसार एक एम्बुलेंस से महिलाओं को तेलंगाना की ओर ले जाया जा रहा था। मात्र सिरोंचा-तेलंगाना की सीमा पर कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिये आंतरराज्यीय यातायात बंद की गई। वहीं इसका पालन करने के लिये पुलिस कर्मचारियों को तैनात किया गया है। इसी बीच एम्बुलेंस दोनों राज्यों की सीमा पर पहुंचते ही तेलंगाना पुलिस ने एम्बुलेंस को रोका।

गर्भवती के परिजनों ने प्रसूति की समय करीब आने और गर्भवती को प्रसव पीड़ा से तड़पने की बात कहते हुए उन्हें तेलंगाना जाने की अनुमति मांगी। किंतु पुलिस ने राज्य सरकार के आदेश पालन करनेकी बात कह एम्बुलेंस को राज्य में जाने से मनाई की। जिससे गर्भवती में एम्बुलेस में प्रसव पीड़ा से घंटों तक तड़प रही थी इस मामले की जानकारी स्थानीय मीडिया कर्मी को  पता चलते उन्होंने स्थानीय प्रशासन और तेलंगाना  प्रशासन का  इस मामले की ओर ध्यानाकर्षण कराया। काफी घंटों तक प्रयास करने के बाद आखिरकार तेलंगाना पुलिस ने एम्बुलेंस को तेलंगाना जाने में अनुमति दी।   मंचेरिलयन के एक निजी अस्पताल में गर्भवती को भर्ती कराया गया। जहां गर्भवती ने कन्या को जन्म दिया।दोनों मां-बेटी  स्वस्थ्य हैं। किंतु इस समूचे मामले में केवल आदेश का पालन होते दिखाई दिया।  किसी में भी इन्सानियत नहीं दिखाई दी। यहां बता दे कि, सरकार ने आम नागरिकों की सुरक्षा हेतु सीमाएं सील की। यदि आम नागरिकों की मजबूरी ही नहीं समझी जा रही है तो, इस सुरक्षा का क्या फायदा? ऐसा सवाल उपस्थित किया जा रहा है।

 

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