रामलला प्राण-प्रतिष्ठा: प्राण-प्रतिष्ठा से पहले वायरल रामलला की खुली आंखों वाली तस्वीर को लेकर मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने की जांच की मांग
- राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने की जांच की मांग
- प्राण-प्रतिष्ठा से पहले आंखें प्रकट नहीं की जा सकती है
- मंदिर ट्रस्ट की तरफ से रामलला की नई मूर्ति की कोई भी तस्वीर शेयर नहीं की गई है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 22 जनवरी को अयोध्या के नव-निर्मित भव्य राम मंदिर में रामलला प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन होने जा रहा है। गर्भ-गृह में विराजमान रामलला की जिस मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी उसकी तस्वीर गुरुवार देर रात सोशल मीडिया पर सामने आई थी। तस्वीर में नई मूर्ति की आंखें पीले रंग के कपड़े से ढ़की हुई थी। एक दिन बाद रामलला की एक और तस्वीर वायरल हुई जिसमें रामलला की आंखें खुली थी। इसे लेकर मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास जी ने जांच की मांग की है। आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर रामलला की शेयर की जा रही कोई भी तस्वीर मंदिर ट्रस्ट की तरफ से साझा नहीं की गई है।
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास का कहना है कि प्राण-प्रतिष्ठा से पहले रामलला की आंखें प्रकट नहीं की जा सकती है। यही नहीं सत्येन्द्र दास ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे रामलला की तस्वीरों के बारे में कहा कि यह मूर्ति की असली तस्वीर नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि अगर आंखें देखी जा सकती हैं तो आंखें किसने दिखाई और सोशल मीडिया पर मूर्ति की तस्वीरें कैसे वायरल हो रही है इसकी जांच होनी चाहिए। गौरतलब है कि मंदिर ट्रस्ट या विश्व हिंदू परिषद ने गर्भ-गृह में स्थापित रामलला की नई मूर्ति की कोई भी तस्वीर अभी तक शेयर नहीं की है।
शालीग्राम पत्थर से बनी है मूर्ति
भव्य राम मंदिर के गर्भ-गृह में स्थापना के लिए रामलला की जिस मूर्ति का चुनाव किया गया है उसे कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। जानकारी के मुताबिक, मूर्ति की कुल ऊंचाई 51 इंच और वजन लगभग 200 किलोग्राम है जिसे शालीग्राम पत्थर से बनाया गया है। आपको बता दें कि शास्त्रों में शालीग्राम का विशेष महत्व है, इस खास पत्थर को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है। साथ ही शास्त्रों में भगवान राम को विष्णु देवता का सातवां अवतार माना गया है। शालीग्राम शिला काले रंग का होता है और इसमें कई विशेषताएं समाहित होती है। जैसे कि जल रोधी होने के साथ इसकी आयु हजारों वर्ष की होती है।
पीएम मोदी के हाथों होगी प्राण-प्रतिष्ठा
22 जनवरी को गर्भ-गृह में रामलला की नई मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगी। इस दिन पहले सुबह में विग्रह पूजा की जाएगी जिसके बाद दोपहर के समय मृगशिरा नक्षत्र में रामलला का अभिषेक किया जाएगा। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी मौजूद रहेंगी। इस खास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट की ओर से 7000 से ज्यादा लोगों को निमंत्रण पत्र भेजा गया है जिसमें से लगभग 3000 वीवीआईपी होंगे।
गर्भ-गृह में रहेंगे 'रामलला विराजमान'
नई मूर्ति के साथ पुरानी मूर्ति को भी गर्भ-गृह में ही रखा जाएगा। आपको बता दें कि साल 1949 में 22 दिसंबर की रात 'रामलला विराजमान' का प्राकट्य बाबरी मस्जिद के केंद्रीय गुम्बद में हुआ था। यह खबर फैलते ही 'भये प्रकट कृपाला' की गूंज के साथ विवादित स्थल पर साधु-संतो की भीड़ उमर गई और संतो ने रामलला की अखंड आरती शुरू कर दी।