NGT का निर्देश: Volkswagen को देने होंगे 100 करोड़
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अपनी गाड़ियों के उत्सर्जन परीक्षण के लिए "चीट डिवाइस" का उपयोग करने को लेकर Volkswagen एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई है। NGT के निर्देश अनुसार Volkswagen को 100 करोड़ रुपए जमा कराना होंगे। NGT के अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पर्यावरण को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक समिति भी गठित की है। इसके तहत वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सदस्य शामिल होंगे।
प्रस्ताव
यहां बता दें कि ऑटोमोबाइल कंपनी ने पूर्व में अधिकरण के सामने एक प्रस्ताव पेश किया था। इसमें वर्ष 2015 के दौरान देश में "चीट डिवाइस" के साथ बेची गई 3.23 लाख गाड़ियों को वापस लेने की रूपरेखा रखी थी। कंपनी ने यह भी माना था कि उसने इस डिवाइस के साथ पूरी दुनिया में 1 करोड़ से ज्यादा गांड़ियां बेची हैं। इसमें सिर्फ अमेरिका में उस पर 18 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया था।
निर्देश
हाल ही में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने Volkswagen को निर्देश दिया है कि वह चीट डिवाइस का उपयोग करने के मामले में CPCB के समक्ष 100 करोड़ रुपए की अंतरिम राशि जमा कराए। हरित अधिकरण ने समिति को निर्देश दिया कि वह एक महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपे। सुनवाई में कथित तौर पर उत्सर्जन मानकों का उल्लंघन करने पर फॉक्सवैगन गाड़ियों की बिक्री पर प्रतिबंध की मांग की गई है। वहीं कंपनी तथा मामले में याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि वह समिति के समक्ष 7 दिनों के भीतर उपस्थित होकर अपना पक्ष सामने रखें।
क्या है चीट डिवाइस
चीट डिवाइस डीजल इंजन में लगाया जाने वाला एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जिससे उत्सर्जन परीक्षण में हेरफेर किया जाता है। खबरों के मुताबिक Volkswagen कंपनी की ई189 डीजल इंजन में एक ऐसी डिवाइस लगी होती है, जो उत्सर्जन परीक्षण के दौरान को प्रदूषण स्तर को कम करके दिखाता है। लेकिन परीक्षण में यह बात सामने आई थी।
Created On :   17 Nov 2018 11:56 AM IST