युवाओं के लिए स्टार्टअप नीति होगी तैयार, मराठवाड़ा में वॉटर सप्लाई के लिए 14 करोड़ मंजूर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र कैबिनेट ने गुजरात की तर्ज पर मराठवाड़ा क्षेत्र में वॉटर ग्रिड पाइपलाइन से पीने के पानी की जलापूर्ति के लिए प्री-फिजिबिलिटी डीपीआर बनाने के लिए सर्वेक्षण और कामकाज के लिए 13 करोड़ 90 लाख 78 हजार रुपए मंजूर किए हैं। प्रदेश सरकार ने इसके लिए मंजूरी दी है। सरकार के जलापूर्ति और स्वच्छता विभाग की तरफ से इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया। सरकार ने महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण की तरफ से किए गए खर्च का स्वतंत्र ब्यौरा रखने का निर्देश दिया है। आदेश में कहा गया कि निधि जिस काम के लिए आवंटित की गई है, उसी काम के लिए उसका इस्तेमाल होना चाहिए। सरकार का कहना है कि लगातार बारिश कम होने के कारण मराठवाड़ा के लोगों को जलसंकट का सामना करना पड़ता है। संभाग के कुल 8 जिलों कि 76 तहसीलों में 12978 गांव और बस्तियां हैं। पिछले 3 वर्षों से मराठवाड़ा में बड़े पैमाने पर पानी की किल्लत हुई है। साल 2016 की गर्मी में लगभग 4 हजार टैंकरों से जलापूर्ति करनी पड़ी थी। जबकि लातूर में पानी न होने के कारण सांगली के मिरज से अप्रैल-मई 2016 के दौरान रेलवे द्वारा पानी की आपूर्ति की गई। इसके मद्देनजर 4 अक्टूबर 2016 को राज्य मंत्रिमंडल ने मराठवाड़ा विभाग में पानी की समस्या से निपटने के लिए ग्रीड पद्धति लागू करने सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। ग्रीड पद्धति से जलापूर्ति योजना के लिए पूर्व व्यवहार्यता डीपीआर तैयार करने के लिए जलापूर्ति व स्वास्थ्य मंत्री बबनराव लोणीकर की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है।
स्टार्टअप के लिए नीति तैयार करेगी सरकार
राज्य में युवकों को उद्योगों से जोड़ने और नए उद्योग स्थापित करने के लिए स्टार्टअप नीति तैयार की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने एक समिति गठित की है। समिति सभी पहलुओं को ध्यान में रख कर स्टार्टअप नीति का मसौदा तैयार करेगी। मसौदे पर जनता की राय लेने के बाद उसको सरकार को सौंपना जाएगा। प्रदेश सरकार के उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग की तरफ से इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया। सरकार ने समिति को छह महीने के भीतर मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया है। कोंकण के लोणेरे स्थित डॉ. बाबासाहब आंबेडकर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विलास गायकर की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। जिसमें आईटी और उद्योग जगत के नामचीन 12 लोगों को शामिल किया गया है।
महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुसार समिति गठित
सरकार ने समिति में नागपुर के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के अध्यक्ष और उद्योगपति विश्राम इनामदार, राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान की राज्य प्रोजेक्ट निदेशक मीता राजीव लोचन, पुणे के अखिल भारतीय प्रौद्योगिकी परिषद के सदस्य संजय इनामदार, शिक्षा विशेषज्ञ आनंद मापुसकर, शिक्षा विशेषज्ञ और उद्यमी डॉ. अपूर्वा पालकर को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालय अधिनियम 2016 के प्रावधानों के अनुसार यह समिति गठित की है। समिति सभी सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में नए शोध को लागू करने की दृष्टि से स्टार्टअप नीति तय करेगी। सरकार द्वारा गठित समिति सार्वजनिक विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के स्टार्टअप के लिए दिशा निर्देश तय करने के साथ विश्वविद्यालय के स्टार्टअप में उद्योगों को शामिल करने के लिए रूपरेखा तय की जाएगी।
Created On :   1 Dec 2017 8:24 PM IST