कोरोना की वजह से पाकिस्तान में 1.85 करोड़ लोग हो सकते हैं बेरोजगार
इस्लामाबाद, 13 जून (आईएएनएस)। कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी बंद और प्रतिबंधों के कारण पाकिस्तान बड़े पैमाने पर बेरोजगारी की ओर बढ़ रहा है। हालिया आर्थिक सर्वेक्षण में पाकिस्तानियों ने इस बात का खुलासा किया है।
पाकिस्तान आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जिसमें पता चला है कि देश में 14 लाख से 1.85 करोड़ लोग बेरोजगार होने जा रहे हैं। सर्वेक्षण में कहा गया है कि कोरोनावायरस के कारण चल रहे प्रतिबंध और राष्ट्रव्यापी बंद से देश के कम से कम 2.2 प्रतिशत कर्मचारियों के बेरोजगार होने के संकेत मिले हैं, जबकि सीमित प्रतिबंधों के साथ राष्ट्रव्यापी बंद के मामले में, देश में बेरोजगारों की संख्या लगभग 14 लाख हो जाएगी।
मौद्रिक संदर्भ में बात करें तो नौकरी छूटने से कुल नुकसान कम से कम 23.6 अरब पीकेआर का होने की संभावना है। अगर मध्यम राष्ट्रव्यापी बंद के हिसाब से देखें तो नौकरी का नुकसान कम से कम 1.23 करोड़ तक हो सकता है। इसके साथ ही श्रमिक श्रेणी के कम से कम 20 प्रतिशत लोगों को काम न मिलने के कारण कम से कम 20.96 करोड़ पीकेआर का नुकसान होगा।
दूसरी ओर एक पूर्ण राष्ट्रव्यापी बंद कम से कम 1.853 करोड़ लोगों को प्रभावित करेगा, जो कि श्रम बल का लगभग 30 प्रतिशत है। इससे 315 अरब पीकेआर का नुकसान होगा।
संघीय बजट 2019-20 में सरकार ने कुछ छिपे हुए कर लगाए हैं।
ऐसे समय में जब दुनिया मंदी के दौर में है, पाकिस्तान की संघीय सरकार ने देश के वार्षिक बजट 7,294.9 अरब पीकेआर की घोषणा करते हुए दावा किया कि नया बजट बिना किसी नए कर के घोषित किया गया है।
हालांकि वित्तीय विशेषज्ञों ने खुलासा किया है कि सरकार ने वास्तव में कम से कम 200 अरब पीकेआर के अतिरिक्त कर लगाए हैं, जिसका उद्देश्य 4,963 खरब पीकेआर लक्ष्य को प्राप्त करना है।
आर्थिक विशेषज्ञ शाहबाज राणा ने कहा, सरकार द्वारा कम से कम 120 अरब पीकेआर अतिरिक्त आयकर उपायों का प्रस्ताव किया गया है। फिर भी यह दावा कर रही है कि लोगों पर कोई कर का बोझ नहीं डाला गया है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह लगभग 80 अरब पीकेआर बिक्री कर उपाय से अतिरिक्त राजस्व के तौर पर सिगरेट और एनर्जी ड्रिंक्स से जुटाए गए हैं।
पाकिस्तान के संघीय उद्योग एवं उत्पादन मंत्री हम्माद अजहर ने शुक्रवार को बजट पेश करते हुए दावा किया था कि सरकार ने कोई नया कर नहीं लगाया है।
इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार ने रक्षा बजट में 11.9 प्रतिशत की वृद्धि का भी प्रस्ताव किया है। इसके साथ ही सरकार ने उन दावों को भी नकार दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि कोरोनावायरस के कारण प्रभावित हुई आर्थिक स्थिति के बीच सैन्य खर्च में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
चालू वित्त वर्ष के दौरान 1,152 अरब पीकेआर की तुलना में 2020-21 के लिए पाकिस्तान का रक्षा बजट 1,289 अरब पीकेआर होगा।
Created On :   13 Jun 2020 5:31 PM IST