दिल्ली के खारी बावली से नदारद दुकानदार, श्रमिक और खरीदार
नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। देशभर में मसालों, सूखे मेवों, दलहन, अनाज, अचार, मुरब्बों के लिए प्रसिद्ध दिल्ली का खारी बावली बाजार पूरी तरह बंद है। सैकड़ों दुकानों पर यहां ताले टंगे हैं। बाजार में न तो दुकानदार आ रहे हैं और न ही कामकाज संभालने के लिए यहां सामान्य दिनों की तरह श्रमिक मौजूद हैं।
खारी बावली में कुल मिलाकर करीब एक हजार के आसपास दुकानें हैं। लेकिन इनमें से महज आठ-10 दुकानें ही फिलहाल खुल रही हैं। आम दिनों में लोगों से खचाखच भरे रहने वाले इस बाजार में अब खरीदार भी इक्का-दुक्का ही नजर आते हैं।
एक स्थानीय दुकानदार श्रीकृष्ण मित्तल ने कहा, हमारे पास अभी भी लाल मिर्च, काली मिर्च, धनिया, जीरा, इलायची के गोदाम भरे हुए हैं। खासतौर से पटना की तेज लाल मिर्च, कश्मीर की लाल मिर्च यहां कई गोदामों में मौजूद है, लेकिन खरीदार न होने के कारण अधिकांश दुकानें और गोदाम बंद हैं।
गौरतलब है कि खारी बावली इलाका चांदनी चौक और सदर बाजार से सटा हुआ है। सदर बाजार को पहले ही पूरी तरह से बंद कराया जा चुका है। यहां किसी भी व्यक्ति का प्रवेश प्रतिबंधित है। वहीं चांदनी चौक के समीप भी चांदनी महल, जामा मस्जिद जैसे कई इलाके कंटेनमेंट जोन में शामिल हैं।
खारी बावली के एक अन्य दुकानदार शिवप्रसाद अग्रवाल ने कहा, सामान्य दिनों में यहां दिल्ली समेत आसपास के कई राज्यों से मसालों, गेहूं, चावल, चीनी, सूखे मेवों आदि के व्यापारी बड़ी संख्या में आते थे। अन्य राज्यों से आने वाले ये व्यापारी थोक में माल खरीदते हैं। फिलहाल इन सभी व्यापारियों का खारी बावली आना बंद है। इनके साथ ही होटल कारोबारी, बड़े हलवाई, रेस्टोरेंट्स आदि चलाने वाले खरीदार भी बाजार में नहीं हैं। यही कारण है कि पूरे मार्केट में सन्नाटा है।
एक ओर जहां खारी बावली की अधिकांश दुकानें बंद हैं, वहीं दिल्ली के इस बाजार से श्रमिक भी नदारद हैं। सड़कों के दोनों ओर खाली ठेले लावारिस हालत में पड़े हैं। पूरे मार्केट में दूर-दूर तक सिर्फ सन्नाटा है। यहां मौजूद रहने वाले श्रमिकों की हलचल पूरी तरह बंद है।
इस सबके बीच खारी बावली में खाद्य वस्तुओं की 8-10 दुकानें प्रतिदिन खुल रही हैं। इन दुकानों से सामान खरीदने वालों में अधिकांश लोग स्थानीय निवासी ही हैं। दिल्ली के अन्य हिस्सों से अभी ग्राहक यहां नहीं आ रहे हैं।
खाद्य वस्तुओं की दुकान चलाने वाले रघुवीर जायसवाल ने कहा, फिलहाल पहले की तरह ग्राहक नहीं हैं। स्थानीय लोग खुदरा दुकानों की तरह जरूरत की वस्तुएं खरीदने आ रहे हैं। ज्यादातर खरीदार आटा, चावल, चीनी, तेल और दाल जैसी जरूरी वस्तुओं की खरीदारी ही कर रहे हैं।
Created On :   11 May 2020 7:30 PM IST