अदाणी ने कृषि में नई तकनीकों का लाभ उठाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मॉडल बनाने पर जोर दिया

Adani insisted on creating a model of rural economy to take advantage of new technologies in agriculture
अदाणी ने कृषि में नई तकनीकों का लाभ उठाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मॉडल बनाने पर जोर दिया
अदाणी ने कृषि में नई तकनीकों का लाभ उठाने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मॉडल बनाने पर जोर दिया

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने गुरुवार को क्लस्टर आधारित नीतियों और डिजिटल टेक्‍नोलॉजी को अपनाने का आह्वान किया, ताकि देश भर में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने यहां ग्रामीण प्रबंधन संस्थान (इंस्‍टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट) में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि लघु उद्योग और कृषि व्यवसाय के लिए क्लस्टर नीतियां महत्वपूर्ण हैं। ये नीतियां उनको उच्च उत्पादकता, उच्च मूल्य वर्धित उत्पादन हासिल  करने और लॉजिस्‍टिक, भंडारण, अपव्यय और बिचौलियों के हस्तक्षेप की थका देने वाली लागत को कम करने में सक्षम बनाती हैं।"

"इसलिए, एक कृषि-आधारित क्लस्टर स्थानीय किसानों, कृषि-व्यवसायों और संस्थानों का एक समूह होगा जो एक ही कृषि या कृषि-औद्योगिक उप-क्षेत्र में सक्रिय हैं, और वैल्‍यू नेटवर्क बनाने के लिए एक साथ काम करते हैं।"

अदाणी ने कहा कि डिजिटलीकरण, बीज की गुणवत्ता और मौसम के अनुमान जैसे क्षेत्रों में हाल में ह़ई प्रगति ने स्मार्ट नीति निर्धारण और सामान्य जन जागरूकता के साथ कृषि क्षेत्र को कई मायनों में पहुंच के दायरे में ला दिया है। उन्होंने कहा कि देश को अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था का एक मॉडल विकसित करना होगा जिसमें स्थानीय आबादी को स्थानीय स्तर पर रोजगार प्रदान किया जा सके, यानी स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं के निर्माण करने और उनको क्लस्टर में शामिल करने के तौर-तरीकों पर पुनर्विचार करने की आवश्‍यकता है।

अदाणी ने कहा कि भारत में 10 करोड़ से अधिक प्रवासी मजदूर हैं। भारत में चार मजदूरों में से एक मजदूर प्रवासी है। "कुछ प्रवास फायदेमंद होते हैं। हालांकि, जब तक हम ग्रामीण इलाकों से शहरों की ओर के प्रवास में होने वाली निरंतर वृद्धि के मुद्दे को हल नहीं करते, तब तक भारत की प्रगति में बाधाएं बनी रहेंगी।"

इसी के साथ, मॉड्यूलर और कॉम्पैक्ट खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को आम जगहें बनाना शुरू करना होगा। खेतों के निकट स्‍थित कॉम्पैक्ट और रैपिड-बिल्ड प्रोसेसिंग यूनिट्स से अधिक कुशल और छोटी सप्‍लाई चेन बनाने में सुविधा मिलती है। ""इसलिए मॉड्यूलर प्रोसेसिंग प्लांट का तेजी से निर्माण किया जा सकता है, स्थानांतरित किया जा सकता है और इसे जल्दी से स्थापित किया जा सकता है। यह एक ऐसा समाधान है जो भारत जैसे देशों के लिए सबसे कारगर है, जहां लॉजिस्टिक की चुनौतियां मौजूद हैं"", अदाणी ने कहा।

उन्होंने कहा कि भारतीय खेती के सबसे अच्छे दिन आगे आने वाले हैं। " आने वाले वर्षों में हम शहरी-ग्रामीण अवसरों के बीच मौजूद फर्क की समस्‍या को बेहतर ढंग से दूर करने में सक्षम होंगे और एक दिन हम सारी दुनिया के भोजन का प्रबंध करेंगे।"

Created On :   17 Aug 2020 2:42 PM IST

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