डिस्टिलरीज को चरणबद्ध तरीके से खोलने, शराब की बिक्री की अनुमति दें : सीआईएबीसी
नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय शराब उद्योग ने भारी वित्तीय नुकसान और नौकरियों के जाने के भय को भांपते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से कहा है कि डिस्टिलरीज और बॉटलिंग संयंत्रों को चरणबद्ध तरीके से खोलने की अनुमति देने के लिए एक योजना तैयार करें।
संगठन ने यह भी कहा है कि जिन इलाकों में कोविड-19 हॉटस्पॉट नहीं हैं, वहां खुदरा और ऑन-ट्रेड पब्स, रेस्टॉरेंट आदि प्रतिष्ठानों को चरणबद्ध तरीके से खोलने और सोशल डिस्टेंसिंग के मानक को पूरा करते हुए सख्त सरकारी निगरानी में ऑनलाइन बिक्री शुरू करने की अनुमति दी जाए।
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने केंद्रीय वाणिज्रू एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में कहा है कि कोविड-19 रोकथाम के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अल्कोहलिक बेवरेज इंडस्ट्री को चरणबद्ध तरीके से आवश्यक रूप से खोला जाए।
सीआईएबीसी भारतीय अल्कोहलिक बेवरेज इंडस्ट्री की सर्वोच्च संस्था है, जिसमें भारत और विदेशों में अपने उत्पाद बनाने और बेचने वाली कंपनियां शामिल हैं।
गोयल और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखे अपने पत्र में सीआईएबीसी के महानिदेशक विनोद गिरि ने कहा है कि लॉकडाउन के बाद सभी होलसेल और खुदरा कारोबार बंद हैं।
गिरि ने कहा है, फैक्टरी के स्टॉक वाले वेयरहाउस, ट्रक्स फंस गए हैं, वितरण वेयरहाउसेस स्टॉक सहित बंद हैं और खुदरा दुकानों में बिना बिक्री के स्टॉक पड़े हुए हैं। डिस्टिलरीज और बॉटलिंग संयंत्र बंद हैं। विभिन्न करो के जरिए दो लाख करोड़ रुपये का योगदान देने वाला, लगभग 40 लाख किसानों को आजीविका देने वाला, लगीाग 20 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार देने वाला उद्योग संकट में हैं।
संस्था ने कहा है, चिंता इस बात की है कि उद्योग के लंबे समय तक बंद रहने से न सिर्फ कंपनियों पर एक भारी आर्थिक बोझा आएगा, बल्कि इससे लाखों किसान और श्रमिक बेरोजगार हो जाएंगे।
सीआईएबीसी ने सरकार से यह भी आग्रह किया है कि वह मौजूदा आबकारी वर्ष को तीन महीने यानी 30 जून तक बढ़ा दे, साथ में सभी अनुमतियों और मंजूरियों को भी बगैर किसी अतिरिक्त शुल्क के बढ़ा दे।
Created On :   11 April 2020 8:00 PM IST