कर्ज चुकाने में असफल रही RCOM, अब दिवालिया याचिका दायर करने का फैसला

कर्ज चुकाने में असफल रही RCOM, अब दिवालिया याचिका दायर करने का फैसला
हाईलाइट
  • कंपनी NCLT मुंबई के माध्यम से फास्ट ट्रैक रिज़ॉल्यूशन की तलाश करेगी।
  • कर्ज चुकाने में असफल रही अनिल अंबानी की अगुवाई वाली RCom ने अब दिवाला कार्यवाही का विकल्प चुना है।
  • बोर्ड का मानना ​​है कि कार्रवाई का यह तरीका सभी स्टेकहोल्डर्स के हित में होगा।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। संपत्तियों की बिक्री कर कर्ज चुकाने में असफल रही अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) ने अब दिवाला कार्यवाही का विकल्प चुना है। कंपनी की और से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया है कि RCom निदेशक मंडल ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) फ्रेमवर्क के माध्यम से ऋण समाधान योजनाओं के क्रियान्वयन का फैसला किया है।

बोर्ड ने कहा कि 18 महीने से ज्यादा का समय बीत गया है। संपत्ति बेचने की योजना सफल नहीं हो पाई है। जिस कारण ऋण दाताओं को अब तक कुछ भी नहीं मिल पाया है। बयान में कहा गया है कि बोर्ड ने फैसला किया है, कंपनी NCLT मुंबई के माध्यम से फास्ट ट्रैक रिज़ॉल्यूशन की तलाश करेगी। बोर्ड का मानना ​​है कि कार्रवाई का यह तरीका सभी स्टेकहोल्डर्स के हित में होगा। कंपनी ने NCLT की शरण में जाने के फैसले के पीछे का तर्क बताते हुए कहा कि कंपनी को उधार देने वाले 40 देशी और विदेशी संस्थाओं में पूरी तरह से मतभेद है।हालांकि पिछले 12 महीनों में इनके बीच सहमति बनाने के लिए 45 बैठकें की गईं। इसके अलावा हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और दूरसंचार विवाद एवं अपील अधिकरण (TDSAT) के पास कंपनी के खिलाफ दर्जनों मामले लंबित हैं। ऐसे में इस तरीके से 270 दिनों के भीतर समाधान निकल आएगा।

बता दें कि रिलायंस कम्युनिकेशंस 40,000 करोड़ रुपए के कर्ज बोझ तले दबा है। उस पर चीनी बैंक सहित 38 कर्जदाताओं का रिण हैं। RCom को उम्मीद थी कि वह रिलायंस जियो को वायरलेस स्पेक्ट्रम बेचकर 18,000 करोड़ रुपए जुटा लेगा। इस रकम से वह अपना कर्ज चुकाना चाहता था, लेकिन डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस (DOT) ने इस सौदे को मंजूरी नहीं दी थी। DOT रिलायंस कम्युनिकेशंस से 2,947 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी की डिमांड कर रहा था। पिछले साल सितंबर में, अंबानी ने घोषणा की थी कि रियल एस्टेट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए  रिलायंस कम्युनिकेशंस अपने दूरसंचार कारोबार से पूरी तरह बाहर निकल जायेगी और भविष्य में केवल रियल एस्टेट कारोबार पर ही ध्यान देगी।

Created On :   1 Feb 2019 7:07 PM GMT

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