त्यौहारो की रंगत में फीका नजर आ रहा बल्लीमारान बाजार

Ballimaran market seems to have faded in the color of festivals
त्यौहारो की रंगत में फीका नजर आ रहा बल्लीमारान बाजार
त्यौहारो की रंगत में फीका नजर आ रहा बल्लीमारान बाजार
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नई दिल्ली, 22 अक्टूबर आईएएनएस। दिल्ली के चांदनी चौक स्थ्ति बल्लीमारान बाजार एक बहुत पुराना फुटवियर का बाजार है। लोग बताते हैं कि आजादी के पहले से यह बाजार यहां मौजूद है। यहां करीब 200 से अधिक फुटवियर की दुकानें हैं, जिसमें से अधिकतर होल सेल का व्यापार है।

कोविड-19 की वजह से इस बाजार पर भी काफी प्रभाव पड़ा। लोगों के बाहर न निकलने की वजह से इस मार्केट में सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि अनलॉक के बाद स्थिति में खासा कोई सुधार तो नहीं हुआ, लेकिन आगामी त्योहारों की वजह से भीड़ बढ़ने लगी है।

कोरोना महामारी ने सभी को डराकर रखा हुआ है, जिसका असर इस बाजार पर भी हुआ। दुकानदारों का मानना है कि लोग घरों से बाहर न निकलकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं व्हाट्सएप के जरिये भी लोग जूते, चप्पल का ऑर्डर कर रहे हैं। लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल होल सेल दुकानों पर हो रहा है। होल सेल दुकानों से अन्य दुकानदार नमूने मंगाकर व्यापार कर रहे हैं।

बल्लीमारान फुटवेयर मर्चेंट एसोसिएशन के सदस्य सुल्तान ने आईएएनएस को बताया, इस बाजार पर कोरोना का असर हुआ, दुकानें बंद रहीं, व्यापार ठप्प हो गए, हालांकि अब भी लोगों में कोरोना का डर बना हुआ है। इस वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। अब हमने इसके लिए भी एक दूसरा उपाय निकला है, ब हमसे लोग ऑनलाइन व्हाट्सएप के जरिये सैम्पल मंगाते हैं। पसंद आने पर हम माल उन्हें सप्लाई कर देते हैं।

250 से 300 दुकाने यहां फुटवियर की, जिसमें से 25 फीसदी रिटेल और बाकी होल सेल दुकाने हैं। फिलहाल व्यापार ठप्प है, लेकिन आगामी त्यौहार के चलते थोड़े बहुत लोग आ रहें है।

इसी बाजार के अन्य व्यापारी रहमान ने आईएएनएस को बताया, त्योहारों पर जो व्यापार होना चाहिए उतना काम नहीं है। लॉकडाउन का असर तो अब दिखना बाकी है क्योंकि सारा काम अब खुला है। थोड़ा वक्त लगेगा सुधार होने में, बाजारों में वो रौनक नहीं रही।

त्योहारों के वक्त हम किसी से बात ही नही कर पाते थे लेकिन अब देखिए बैठे हुए है बात कर रहे हैं। 20 फीसदी ही बाजार चल रहा है। लोग ऑनलाईन भी आर्डर कर रहें है लेकिन मेरे मुताबिक ऑनलाइन में वो मजा नहीं है। दुकान पर आकर खरीदना उसका एक अलग अनुभव होता है।

दरअसल, इन बाजारों में दूर से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है, जैसे कि काफी भीड़ लगी हुई है, लेकिन चांदनी चौक में काम चलने की वजह से यहां सड़कों पर दुकानदारों की गाड़ियां और समान ढोने वाले मजदूर ही नजर आते हैं। हालांकि ग्राहकों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन जो रौनक पहले चांदनी चौक में नजर आती थी वो अब व्यापारियों को नजर नहीं आ रही है।

एमएसके/एसजीके

Created On :   22 Oct 2020 9:47 AM GMT

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