बिरला कॉरपोरेशन का वित्त वर्ष 2020 में शुद्ध मुनाफा 98 फीसदी बढ़कर 505 करोड़ रुपए रहा
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। बिरला कॉरपोरेशन लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2019-20 में अब तक का सबसे उच्चतम एबिटा और नकद मुनाफा क्रमश: 1421 करोड़ और 1033 करोड़ रुपए दर्ज किया है। पिछले साल कंपनी ने एबिटा में 38 फीसदी और नकद मुनाफे में 57 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की है। वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 505 करोड़ रुपए रहा है और यह पिछले साल के मुकाबले 98 फीसदी ज्यादा है।
मार्च तिमाही में कंपनी ने 195 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया है जो पिछले साल के मुकाबले 51.9 फीसदी ज्यादा है। मार्च के अंत में डिस्पैच ग्राउंडिंग में झटकों के बावजूद कंपनी ने यह उपलब्धि हासिल की है। मार्च तिमाही में कंपनी की कुल आय 1718 करोड़ रुपए रही है जो वार्षिक आधार पर 9.4 फीसदी कम है। वित्त वर्ष के अंत में कोविड-19 महामारी के सामने आने के कारण कंपनी को अपने डिस्पैच को सस्पेंड करना पड़ा है। मार्च तिमाही में वार्षिक आधार पर एबिटा प्रति टन 31 फीसदी बढ़कर 1045 करोड़ रुपए रहा है।
कंपनी ने मार्च तिमाही में सबसे ज्यादा मुनाफा दर्ज किया है। इस तिमाही में एबिटा पिछले साल के मुकाबले 11.7 फीसदी बढ़कर 373 करोड़ रुपए रहा है। कोविड-19 सामने आने के बाद 22 मार्च से वॉल्यूम में नुकसान हुआ है।
मार्च तिमाही में तेल की कम लागत, एफिसिएंसी को बढ़ाने के लिए निवेश और कॉस्ट रेशनलाइजेशन से कंपनी का मुनाफा बढ़ा है। कंपनी की सब्सिडियरी आरसीसीपीएल प्राइवेट लिमिटेड (पूर्व में रिलायंस सीमेंट कंपनी लिमिटेड) ने अक्टूबर 2019 में घोषित किए गए नए टैक्स रिजाइम में माइग्रेट किया है। अकाउंट में इस बदलाव ने कंसोलिडेटिड नेट प्रॉफिट में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कंपनी के बोर्ड ने शुक्रवार 22 मई को 7.50 रुपए प्रति शेयर का डिविडेंड देने का भी फैसला किया है। यह पिछले साल के बराबर ही है। देश में प्रतिकूल व्यापारिक हालातों को देखते हुए बोर्ड ने फैसला किया है कि नॉन एक्जीक्यूटिव निदेशकों को कमीशन के रूप में एक रुपए का टोकन दिया जाएगा।
कम सेल्स के बावजूद मार्च तिमाही में वसूली वार्षिक आधार पर 3.9 फीसदी बढ़कर 4795 रुपए प्रति टन रही है। पूरे साल में वसूली 4911 रुपए प्रति टन रही है जो पिछले साल से 5.7 फीसदी ज्यादा है। वहीं वित्त वर्ष 2019-20 में रेवेन्यू 7001 करोड़ रुपए रहा है जो पिछले साल से 5.6 फीसदी ज्यादा है।
Chart 1
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Q4/FY20 |
Q4/FY19 |
Full year/FY20 |
Full year/FY19 |
Revenue |
Rs 1,718 crore (down 9.4%) |
Rs 1,897 crore |
Rs 7,001 crore (up 5.6%) |
Rs 6,627 crore |
EBITDA |
Rs 373 crore (up 11.7%) |
Rs 334 crore |
Rs 1,421 crore (up 38.4%) |
Rs 1,027 crore |
Cash profit |
Rs 282 crore (up 15.6%) |
Rs 244 crore |
Rs 1,033 crore (up 57.2%) |
Rs 657 crore |
Net profit |
Rs 195 crore (up 51.9%) |
Rs 128 crore |
Rs 505 crore (up 97.5%) |
Rs 256 crore |
Realisation/ton* |
Rs 4,795 (up 3.9%) |
Rs 4,616 |
Rs 4,811 (up 5.7%) |
Rs 4,553 |
EBITDA/ton* |
Rs 1,045 (up 31.1%) |
Rs 797 |
Rs 962 (up 41.3%) |
Rs 681 |
*Realisation/ton and EBITDA/ton are for cement division only
बाजार के मौन हालातों के बावजूद बिरला कॉरपोरेशन प्राइस वसूली बढ़ाने में कामयाब रहा है। यह सब ब्रांड पोर्टफोलियो में ब्लेंडेड और प्रीमियम सीमेंट की हिस्सेदारी बढ़ने से संभव हुआ है।
पिछले साल के मुकाबले मार्च तिमाही में क्षमता इस्तेमाल 98 फीसदी से घटकर 93 फीसदी पर आ गया है। इस कारण वार्षिक आधार पर बिक्री में 13 फीसदी की गिरावट रही है और 3.3 मिलियन टन की बिक्री हुई है। जो तुलनीय बाजारों में कंपनी के सह समूह के प्रदर्शन के अनुरूप था। फरवरी तक 11 महीनों में बिक्री में 6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है और पूरे साल में झमता इस्तेमाल 2 फीसदी बढ़कर 91 फीसदी रही है। यह इंडस्ट्री में सबसे बेहतर है।
वित्त वर्ष के दौरान, कंपनी ने प्रीमियम और ब्लेंडेड सीमेंट पर फोकस के जरिए मुख्य बाजारों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। पिछले साल कंपनी के प्रीमियम स्लैग ब्रांड, एमपी बिरला सीमेंट यूनिक (ईस्टर्न इंडियन बाजारों में बिक्री) की बिक्री में 18 फीसदी की ग्रोथ रही है। नए लॉन्च में, सुपर प्रीमियम अल्टीमेट अल्ट्रा ब्रांड विद वाटर रीपीलैंट प्रॉपर्टीज ने मध्य प्रदेश में अच्छा स्थान पाया है। वहीं सम्राट एडवांस्ड (कंपनी के ऐतिहासिक एमपी बिरला सीमेंट सम्राट ब्रांड का प्रीमियम वैरिएंट) ईस्टर्न उत्तर प्रदेश के बाजारों में महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज की है।
वित्त वर्ष 2019-20 में प्रीमियम सीमेंट की बिक्री का वॉल्यूम वार्षिक आधार पर 8 फीसदी बढ़ा है। इसका शेयर ट्रेड सेगमेंट में 4 फीसदी बढ़कर 41 प्रतिशत पॉइंट रहा है। इससे यह संकेत मिलता है कि कंरपनी अपने ब्रांड और डिस्ट्रीब्यूशन एसेट पर ऊंचा खर्च कर रही है। हाई यील्डिंग ब्लैंडेड सीमेंट की बिक्री वॉल्यूम के मुकाबले 93 फीसदी रही है। पिछले साल बिक्री 89 फीसदी रही थी। इसका श्रेय कंपनी की व्यक्ति होम बिल्डर्स पर फोकस करने की रणनीति को जाता है।
Chart 2
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Q4/FY20 |
Q4/FY19 |
Full year/FY20 |
Full year/FY19 |
Sales by volume |
3.3 million tons (down 13%) |
3.8 million tons |
13.6 million tons |
13.6 million tons |
Capacity utilisation |
93% |
98% |
91% |
89% |
Blended cement |
92% |
92% |
93% |
89% |
Trade channel |
80% |
83% |
81% |
81% |
Premium cement* |
43% |
39% |
41% |
37% |
*Share in trade channel only
कर्ज
मार्च के अंत तक कंपनी पर ग्रोस टर्म कर्ज 4226 करोड़ रुपए रहा है जबकि पिछले साल यह 4049 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी पर शुद्ध कर्ज 3500 करोड़ रुपए (~2.5x 2019-20 का एबिटा) से कम रहा है। इसमें महाराष्ट्र के मुकुटबन में अंडर कंस्ट्रक्शन सीमेंट प्लांट के लिए लिया गया 543 करोड़ रुपए का लोन भी शामिल है। कंपनी फंड की लागत और फॉरेन एक्सचेंज एक्सपोजर कम करने के लिए अवसर मिलने पर लगातार प्री-पेमेंट/रीफाइनेंसिंग की रणननीति अपना रही है। बोर्ड ने अपनी 22 मई की बैठक में कंपनी की ओर से जारी किए गए सिक्योर नॉन-कनवर्टेबल डिबेंचर्स प्रीमैच्योर रीडिम्पशन/बायबैक का रेजोल्यूशन भी पास किया। इससे कंपनी को अपनी बोरोइंग लागत कम करने में मदद मिलेगी। बिरला कॉरपोरेशन ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से दी गई टर्म लोन और ब्याज पर दी गई मोराटोरियम सुविधा का लाभ नहीं लिया है। कोरोना महामारी के कारण पैदा हुए हालातों को देखते हुए प्रबंधन ने लाभ को बचाने, वित्तीय मैट्रिक्स की सुरक्षा और लिक्विडिटी को बनाए रखने का उद्देश्य तय किया है। इस संबंध में कंपनी ने बोर्ड में कटौती और कैपिटल एक्सपेंडेचर को स्थगित करने जैसी पहल की है। इन उपायों के बावजूद कंपनी के सभी मौजूदा प्रोजेक्ट के लिए वित्तीय स्थिरता रहेगी।
प्रोजेक्ट्स
मुकुटबन: महाराष्ट्र के मुकुटबन में कंपनी ने एक फैक्ट्री स्थापित की है। जिसका सालाना उत्पादन 2.64 मिलियन टन और सीमेंट प्रोडक्शन की कैपेसिटी 3.9 मिलियन टन है। इस पैक्ट्री के खुद की रेलवे साइडिंग जो कि जून 2021 में शुरू हो जाएगी। जिसका अनुमानित प्रस्तावित थर्मल पावर जेनेरेशन कैपेसिटी 40 मेगावाट की होगी। वहीं वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम के तहत 9 मेगावाट बिजली उत्पादित करेगी। वित्त वर्ष 2019 -20 के अंत तक कंपनी ने इस प्रोजेक्ट पर करीब 1085 करोड़ रुपए का खर्च किया है।
कुंदनगंज – कंपनी के अपने 250 करोड़ के कुंदनगंज प्रोजेक्ट को भी विस्तार करने की योजना बनाई है। प्रबंधन इसके साथ ही कारोबारी माहौल के समान्ययीकरन करने पर भी विचार करेगी।
चंदेरिया – राजस्थान के चंदेरिया यूनिट में बिड़ला कॉरपोरेशन किल्न कैपेसिटी का विस्तार कर रही है। इस वित्त वर्ष के अंत कंपनी 4 लाख टन के प्रोडक्शन का अनुमान है। कुल 150 करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर कंपनी ने मार्च अंतक तक 70 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है।
- वित्त वर्ष 2019-20 में कंपनी इन निम्नलिखित प्रोजेक्ट्स का काम पूरा किया है।
- मैहर में 11 मेगावाट वेस्ट हीट रिकवरी सिस्टम
- कुंदनकुंज में रेलवे साइडिंग
- मैहर, सतना और चंदेरिया में 12 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट जेनरेशन
- कंपनी अपने कैप्टिव कोल ब्लॉक में अपनी कोयला खनन क्षमता को आगे भी जारी रखेगी। इन परियोजनाओं का पूरा वित्तीय लाभ चालू वित्त वर्ष में हो सकेगा।
संचालन की वर्तमान स्थिति
बिड़ला कॉरपोरेशन ने अपने कर्मचारियों और सहयोगियों की सुरक्षा के लिए सभी सुरक्षा उपाय करते हुए अपने सभी संयंत्रों में विनिर्माण शुरू किया है। रायबरेली और दुर्गापुर में पीस इकाइयों को छोड़कर, सभी संयंत्र, वर्तमान में अपनी उत्पादन क्षमता का 80-100% चल रहे हैं, क्योंकि कंपनी मई की शुरुआत में सुस्ती के बाद से धीरे-धीरे मांग में तेजी ला रही है।
जूट डिवीजन
कंपनी के जूट डिवीजन ने पिछले वर्ष में 20.3 करोड़ रुपये की तुलना में 23.37 करोड़ रुपये का पूरा एबिटा दर्ज किया, जो 15.7% की वृद्धि है। मार्च में लॉकडाउन के कारण कंपनी का 35,718 मीट्रिक टन (2018-19 में 37,308 मीट्रिक टन) वर्ष के दौरान उत्पादन प्रभावित हुआ। वित्तीय वर्ष में आठ कार्यदिवस लॉकडाउन के कारण खो गए, जिसके परिणामस्वरूप 959 मीट्रिक टन का अनुमानित उत्पादन नुकसान हुआ।
मूल्य वर्धित उत्पादों पर कंपनी के निरंतर जोर ने वर्ष के दौरान निर्यात में 33% की छलांग लगाई है। निर्यात से राजस्व पूरे वर्ष के लिए 39.07 करोड़ रुपये था, जबकि पिछले वर्ष में यह 29.44 करोड़ रुपये था। बढ़ते लागत के दबाव के बीच निर्यात में वृद्धि ने लाभप्रदता बनाए रखने में मदद की है।
अन्य विकास सामग्री
मई में, कलकत्ता उच्च न्यायालय की दो-न्यायाधीशों की खंडपीठ ने एक फैसला सुनाया, जिसमें बिड़ला निगम को पिछले साल अपनी वार्षिक आम बैठक में हुए चुनावों के परिणाम घोषित करने की अनुमति दी गई थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के एक अंतरिम आदेश को रद्द करने का फैसला, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक सप्ताह के भीतर किया गया था। मतदान के परिणामों की घोषणा पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने के बाद, कंपनी ने पिछली वार्षिक आम बैठक में पारित सभी प्रस्तावों को प्रभावी कर दिया है और 2018-19 के लिए अपने शेयरधारकों को लाभांश का भुगतान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बिरला कॉर्पोरेशन लिमिटेड बिड़ला ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी है।
1919 में बिड़ला जूट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड के रूप में शामिल, इसे श्री एमपी बिड़ला द्वारा आकार दिया गया था। बिड़ला कॉर्पोरेशन लिमिटेड की सीमेंट और जूट में के क्षेत्रहै। कंपनी का बिड़ला जूट मिल्स एक भारतीय उद्यमी द्वारा शुरू की गई पहली जूट मिल है। कंपनी और इसकी सहायक कंपनी RCCPL Private Limited (तत्कालीन रिलायंस सीमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड) के पास देश भर में फैले 10 सीमेंट संयंत्र हैं, जिनकी वार्षिक स्थापित क्षमता 15.5 मिलियन टन है। महाराष्ट्र के मुकुटबन में एक 3.9 एमटीपीए सीमेंट संयंत्र निर्माणाधीन है।
Created On :   25 May 2020 2:19 PM IST