वैश्विक बाजार में 1 महीने में ब्रेंट क्रूड 130 फीसदी तेज, भारत में 230 फीसदी उछला कच्चा तेल
नई दिल्ली, 21 मई (आईएएनएस)। अमेरिका में तेल के भंडार में कमी और तेल निर्यातक देशों का समूह ओपेक व गैर-ओपेके देशों के बीच उत्पादन कटौती से कच्चे तेल के दाम में लगातार तेजी देखी जा रही है। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के दाम में करीब 130 फीसदी की तेजी आई है जबकि भारतीय वायदा बाजार में कच्चे तेल के दाम में 28 अप्रैल के बाद 230 फीसदी का उछाल आया है।
वहीं, अमेरिकी क्रूड डब्ल्यूटीआई का भाव 20 अप्रैल की एतिहासिक गिरावट शून्य से नीचे 40.32 डॉलर प्रति बैरल के निचले स्तर से करीब 75 डॉलर प्रति बैरल तेज हो गया है।
कमोडिटी बाजार के जानकार बताते हैं कि कोरोना के कहर से चरमराई आर्थिक गतिविधियों के दोबारा पटरी पर लौटने की उम्मीदों से कच्चे तेल की मांग बढ़ने के आसार हैं। अमेरिका में घटते तेल के भंडार के साथ-साथ ओपेक व गैर-ओपेक देशों के बीच तेल उत्पादन में कटौती का करार इस महीने से लागू होने से तेल के दाम में तेजी लौटी है।
अंतराष्ट्रीय वायदा बाजार में अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के दाम में गुरुवार को लगातार छठे दिन तेजी का सिलसिला जारी रहा। वहीं, ब्रेंट क्रूड में लगातार दूसरे दिन तेजी के साथ कारोबार चल रहा था।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के जुलाई डिलीवरी अनुबंध में 36.51 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 36.72 डॉलर प्रति बैरल तक उछला। ब्रेंट क्रूड का भाव 22 अप्रैल को आईसीई पर 15.98 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा था, जिसके बाद इसमें 129.78 फीसदी तक का उछाल आया है।
न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) डब्ल्यूटीआई के जुलाई अनुबंध में 34.30 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले डब्ल्यूटीआई का भाव कारोबार के दौरान 34.43 डॉलर प्रति बैरल तक उछला। इस प्रकार डब्ल्यूटीआई का भाव 20 अप्रैल के निचले स्तर से 74.75 डॉलर प्रति बैरल ऊंचा हो गया है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आई तेजी से भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर कच्चे तेल के जून एक्स्पायरी अनुबंध में पिछले सत्र से 83 रुपये यानी 3.69 फीसदी की तेजी के साथ 2613 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि 28 अप्रैल को कच्चे तेल का दाम एमसीएक्स पर 795 डॉलर प्रति बैरल तक गिरा था जिसके बाद अब तक तेल के दाम में 230 फीसदी की तेजी आ चुकी है।
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी एवं करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा कि ओपेक द्वारा 97 लाख बैरल रोजाना उत्पादन कटौती एक मई से चालू है और अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार बीते सप्ताह 49 लाख बैरल से ज्यादा घटा जोकि बीते दिसंबर के बाद की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के भंडार में कमी और आने वाले दिनों में मांग में संभावित तेजी से जल्द ही ब्रेंट क्रूड का भाव 38.40 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है। गुप्ता ने एमसीएक्स पर कच्चे तेल का दाम 2800-3000 रुपये प्रति बैरल के स्तर तक जाने की संभावना जताई।
कमोडिटी बाजार के जानकार और केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने आईएएनएस को बताया कि दुनिया के कई देशों में कोरोना के प्रकोप को लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां चरमरा गई थी लेकिन दोबारा कारोबारी गतिविधियां चालू होने की उम्मीदों से कच्चे तेल के दाम को सपोर्ट मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ओपेक और गैर-ओपेक देश रूस के बीच उत्पादन कटौती का करार मई से लागू है और आगे जून में कुछ और ऐच्छिक कटौती होने की संभावना है। वहीं मांग कम होने और इन्वेंटरी ज्यादा होने से अमेरिका में शेल से तेल के उत्पादन में कटौती देखने को मिल सकती है।
इस प्रकार, सस्ता तेल के आयात का वक्त अब समाप्त होने वाला है। बता दें कि भारत तेल की अपनी जरूरतों के लिए मुख्य रूप से आयात पर निर्भर करता है।
Created On :   21 May 2020 5:00 PM IST