छत्तीसगढ़ सरकार ने 2500 रुपये क्विंटल धान खरीदी का वादा दोहराया

Chhattisgarh government reiterated promise to buy paddy at Rs 2500 quintal
छत्तीसगढ़ सरकार ने 2500 रुपये क्विंटल धान खरीदी का वादा दोहराया
छत्तीसगढ़ सरकार ने 2500 रुपये क्विंटल धान खरीदी का वादा दोहराया

डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा किए गए 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी का वादा पूरा करने का वादा दोहराया है। साथ ही केंद्र सरकार पर असहयोग का आरोप लगाया है, क्योंकि केंद्र सरकार धान का समर्थन मूल्य 1815 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा करने को तैयार नहीं है।

किसानों को 2500 रुपये प्रति क्विंटल का दाम कैसे दिया जाए, इसके लिए मंत्रियों की एक उपसमिति बनाई गई है। वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। केंद्र सरकार ने सामान्य धान का समर्थन मूल्य 1815 रुपये क्विंटल और ए-ग्रेड का मूल्य 1835 रुपये क्विंटल तय किया है। वहीं कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले जनघोषणा पत्र में 2500 रुपये क्विंटल धान खरीदी का वादा किया था। राज्य सरकार केंद्र से लगातार केंद्रीय पूल का धान खरीदी का कोटा बढ़ाने की लंबे अरसे से मांग करती आ रही है, मगर ऐसा नहीं हुआ। इस स्थिति में अब राज्य सरकार को अपना वादा करना आसान नहीं है। ऐसा इसलिए, क्योंकि प्रति क्विंटल पर सरकार पर 685 रुपये और 665 रुपये प्रति क्विंटल का भार आना तय है।

पिछले एक एक माह से धान खरीदी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनातनी चल रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवाल, नरेंद्र सिंह तोमर के अपनी बात कह चुके हैं, मगर उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। इन स्थितियों में मुख्यमंत्री बघेल का दावा है कि किसानों का धान एक दिसंबर से खरीदी जाएगी। किसानों को हर हाल में 2500 रुपये क्विंटल की दर से भुगतान होगा। वहीं आरोप है कि छत्तीसगढ़ सरकार के बार-बार अनुरोध के बावजूद भारत सरकार इस निर्णय पर अडिग है कि वह छत्तीसगढ़ के किसानों के धान को 2500 रुपये प्रति क्विंटल राशि दिए जाने पर राज्य सरकार को सहयोग नहीं करेगी तथा राज्य का चावल सेंट्रल पूल में नहीं लेगी।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2014 में लिए गए निर्णय के मुताबिक, जो राज्य सरकार किसानों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी पर बोनस देगी उनसे सेंट्रल पूल में चावल नहीं लिया जाएगा। लेकिन इसके बावजूद छत्तीसगढ़ में पूर्व में दो वर्षो में इस प्रावधान को शिथिल कर सेन्ट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से चावल लिया गया। इसे देखते हुए वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 में सेंट्रल पूल में प्रधानमंत्री से प्रावधान को शिथिल कर सेंट्रल पूल में छत्तीसगढ़ से 32 लाख मीट्रिक टन चावल लेने का आग्रह किया जाता रहा है। राज्य सरकार के लिए किसानों को 2500 रुपये क्विंटल की रकम देना आसान नहीं है। इस स्थिति का निदान कैसे किया जाए इसके लिए एक समिति गठित की गई, जिसमें कृषिमंत्री, वनमंत्री, खाद्य मंत्री, सहकारिता मंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री सम्मिलित होंगे।

बघेल का दावा है कि समिति के अध्ययन के माध्यम से राज्य सरकार किसानों के जेब में 2500 रुपये पहुंचाने की व्यवस्था करेगी। राज्य सरकार हर हालत में किसानों को प्रति क्विंटल धान का 2500 रुपये देगी तथा छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ अन्याय नहीं होगी। वहीं भाजपा ने भूपेश बघेल सरकार और कांग्रेस पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का कहना है कि कांग्रेस ने शराबबंदी का वादा किया था जो पूरा नहीं हुआ, उसके लिए समिति बनाई, जिसका परिणाम नहीं आया, अब फिर धोखा किया गया है। किसानों से 2500 रुपये क्विंटल की दर से धान खरीदी का वादा किया और फिर समिति बना रहे हैं।

 

Created On :   27 Nov 2019 12:00 AM IST

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