विदेशी निवेश का केंद्र बना रहेगा चीन

China will remain the center of foreign investment
विदेशी निवेश का केंद्र बना रहेगा चीन
विदेशी निवेश का केंद्र बना रहेगा चीन

बीजिंग, 26 जून (आईएएनएस)। कोविड-19 महामारी के दौर में समूची दुनिया पर आर्थिक संकट छाया हुआ है। जैसे-जैसे वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाओं के चरमराने की आशंका तेज हो रही है।
विश्व की प्रमुख वित्तीय व रेटिंग एजेंसियां इसको लेकर पहले ही आगाह कर चुकी हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय जगत को मिल-जुलकर कोरोना जैसी जानलेवा महामारी से निपटना होगा।

जैसा कि हम जानते हैं कि चीन शुरुआत में इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित रहा। हालांकि चीन सरकार व संबंधित विभागों की त्वरित कार्रवाई से इस स्वास्थ्य आपदा पर बहुत हद तक काबू कर लिया गया। लेकिन पिछले कुछ दिनों से बीजिंग आदि शहरों में संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं, जो कि पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय है। यह दर्शाता है कि वायरस की दूसरी लहर का खतरा अभी टला नहीं है।

इस सबके बीच चीन आर्थिक मोर्चे पर हुए नुकसान से उबरने की कोशिश में लगा हुआ है। देश में लगभग हर क्षेत्र में उत्पादन बहाल हो चुका है। इसके साथ ही अन्य देशों का ध्यान भी चीन की ओर केंद्रित हुआ है। चीन बार-बार जोर देकर कहता रहा है कि वह खुलेपन का हिमायती है। वह लगातार विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कदम उठाता रहा है। इसी कड़ी में चीन की वित्तीय राजधानी शंघाई ने विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाया है। इसके तहत चीन में निवेश की इच्छुक कंपनियों के कर और शुल्क में कटौती करने का फैसला किया गया है। यही वजह है कि महामारी के संकट के दौरान भी विश्व के प्रमुख वित्तीय संस्थानों ने चीन में अधिक निवेश करने का मन बनाया है। खबर है कि शंघाई के लूच्याच्वी फाइनेंशियल सिटी में फ्रांस के पेरिस बैंक ने 38 करोड़ युआन का अतिरिक्त निवेश किया है। बैंक के मुताबिक उनकी कंपनी को हुए अतिरिक्त मुनाफे को पूंजी निवेश के रूप में लगाया गया है।

वहीं जर्मनी की एक जानी-मानी वाहन निर्माता कंपनी को इस माध्यम से चीन में और अधिक निवेश करने का मौका मिला है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि चीन सरकार ने विदेशी कंपनियों के लिए शानदार बिजनेस माहौल प्रदान किया है। यही वजह है कंपनी आने वाले समय में चीन में अपनी जड़ें और गहरी करने की सोच रही है।

बताया जाता है कि इस साल की पहली तिमाही में शंघाई में लगभग 4.6 अरब डॉलर का पूंजी निवेश हुआ है, जो पिछले साल की इसी अवधि से 4.5 फीसदी ज्यादा है। इतना ही नहीं इस दौरान विभिन्न कारोबारों ने चीन में अपनी पहुंच को और मजबूत करने का निर्णय किया। जिससे यह बात साबित होती है कि चीन को लेकर विदेशी कंपनियों का मोह भंग नहीं हुआ है।

(-चाइना मीडिया ग्रुप, संवाददाता। साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

-- आईएएनएस

Created On :   25 Jun 2020 7:00 PM GMT

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