मध्य प्रदेश: नौकरियां देने में फेल हुई कांग्रेस सरकार, 10 महीने से नहीं मिला युवाओं को रोजगार

Conflict over unemployment figures in MP
मध्य प्रदेश: नौकरियां देने में फेल हुई कांग्रेस सरकार, 10 महीने से नहीं मिला युवाओं को रोजगार
मध्य प्रदेश: नौकरियां देने में फेल हुई कांग्रेस सरकार, 10 महीने से नहीं मिला युवाओं को रोजगार
हाईलाइट
  • मप्र में बेरोजगारी के आंकड़ों पर द्वंद्व

डिजिटल डेस्क, भोपाल। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर केंद्र की सरकार पर किए गए हमले के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में भी गर्माहट आ गई है। भाजपा ने मध्यप्रदेश में बेरोजगारी बढ़ने का आरोप लगाते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है तो कांग्रेस का दावा है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार आने के बाद रोजगार की स्थिति सुधरी है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को राजस्थान में केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। देश की अर्थ व्यवस्था से लेकर बढ़ती बेरोजगरी का मसला उठाया। गांधी का यह बयान आने के बाद राज्य की स्थिति को लेकर भी बयान सामने आने लगे। ऐसा इसलिए, क्योंकि राज्य की बेरोजगारी के जो आंकड़े पिछले दिनों सामने आए वे उलझाने वाले हैं।

मीडिया रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार की ओर से यह माना गया था कि अक्टूबर 2018 से अक्टूबर 2019 के बीच पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या में सात लाख से ज्यादा का इजाफा हुआ। वहीं इसी दौरान सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी की रिपोर्ट आई, जिसमें कहा गया है कि राज्य में राज्य की बेरोजगारी की दर में गिरावट आई है। दिसंबर में राज्य की बेरोजगारी दर 7 प्रतिशत थी जो सितंबर 2019 में घटकर चार दषमलव दो रह गई।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और खाद्य आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हितेश वाजपेयी का कहना है कि राज्य की कमल नाथ सरकार बड़े-बड़े वादे करके आई थी, मगर वह रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में पूरी तरह विफल रही है। यह बात सरकारी आंकड़े ही जाहिर कर रहे हैं कि बेरोजगारी को लेकर सिर्फ आंकड़ेबाजी की है, बेरोजगारों को चार हजार रुपये मासिक भत्ता दिया है और न ही अपने वचनपत्र के मुताबिक किसी तरह के रोजगार का सृजन किया है।

पिछले दिनों सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के दफ्तर से भी कांग्रेस के ट्वीट को रीट्वीट कर कहा गया था- मप्र में बढ़े रोजगार, प्रदेश सरकार ने दी बेरोजगारी को मात। कांग्रेस सरकार अपने 10 माह के छोटे से कार्यकाल में बेरोजगारी दर को 40 प्रतिशत तक कम करने में कामयाब रही है। वर्ष 2018 में जो बेरोजगारी दर 7 प्रतिशत थी, वो अब 4.2 प्रतिशत ही रह गई है। यह प्रदेश के मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व का कमाल है।

मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट को रीट्वीट कर कहा था कि मध्यप्रदेश में भाजपा के कुशासन में बेरोजगारी की जो दर 7 फीसदी थी, उस बेरोजगारी की कांग्रेस सरकार ने आते ही कमर तोड़ दी। 10 माह में बेरोजगारी दर में 40 प्रतिशत की कमी कुशल नीतियों से ही संभव है और कांग्रेस ने ये कर दिखाया। हम जो कहते हैं, वो करते हैं।

बेरोजगार सेना के प्रदेशाध्यक्ष अक्षय हुंका का कहना है कि राज्य में बेरोजगारी बड़ी समस्या है, जहां तक पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या बढ़ने का सवाल है तो वह राज्य सरकार द्वारा चार हजार रुपये का बेरोजगारी भत्ता देने का निर्णय लिया था। इसके चलते संख्या में इजाफा हुआ होगा। जहां तक बेरोजगारी का प्रतिशत कम होने की बात है तो यह बात स्वतंत्र एजेंसी के सर्वे से आई है।

 

Created On :   28 Jan 2020 6:30 PM GMT

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