चीनी कंपनी के साथ अनुबंध समाप्त, डीएफसीसीआईएल भारतीय फर्म को देगी मौका

Contract with Chinese company ends, DFCCIL will give opportunity to Indian firm
चीनी कंपनी के साथ अनुबंध समाप्त, डीएफसीसीआईएल भारतीय फर्म को देगी मौका
चीनी कंपनी के साथ अनुबंध समाप्त, डीएफसीसीआईएल भारतीय फर्म को देगी मौका
हाईलाइट
  • चीनी कंपनी के साथ अनुबंध समाप्त
  • डीएफसीसीआईएल भारतीय फर्म को देगी मौका

नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)। चीनी कंपनी के साथ अनुबंध समाप्त होने के बाद आत्मनिर्भर भारत को सपोर्ट करते हुए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड पूर्वी समर्पित माल ढुलाई गलियारा (ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) के 417 किलोमीटर लंबे मार्ग पर सिग्नलिंग का काम भारतीय कंपनियों को देगी। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

डीएफसीसीआईएल ने इस साल जुलाई के अंत तक या अगस्त में परियोजना के शेष भाग के लिए नए सिरे से निविदा जारी करने की योजना बनाई है। डीएफसीसीआईएल का यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना मेक इन इंडिया को बढ़ावा देता है। डीएफसीसीआईएल द्वारा बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन ग्रुप कंपनी लिमिटेड (बीएनआरआरडीआईएससी) के साथ 471 करोड़ रुपये के टेंडर को समाप्त करने के एक दिन बाद यह टिप्पणी सामने आई है।

डीएफएफसीसीआईएल के एमडी अनुराग सचान ने आईएएनएस को बताया, हमारी परियोजना का यह हिस्सा विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित किया गया था और इस परियोजना को विश्व बैंक की प्रक्रिया का पालन करके एक चीनी कंपनी को दिया गया था।

उन्होंने कहा, अब, हमने इस अनुबंध को समाप्त कर दिया है और हमने इसे अपनी रेलवे पार्टी के साथ पूरा करने का फैसला किया है। सचान ने आगे कहा, जैसा कि अब निविदा समाप्त कर दी गई है, हमें विश्व बैंक में जाने की आवश्यकता नहीं है और हमने नियम और शर्तें इस तरह से रखी हैं कि हम कुछ भारतीय कंपनियों को यह अनुबंध दे पाएंगे।

ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी) के 417 किलोमीटर लंबे कानपुर-दीन दयाल उपाध्याय खंड में सिग्नलिंग और दूरसंचार कार्य के लिए परियोजना को 2016 में चीनी फर्म को दिया गया था। यह ठेका जून 2016 में बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट को दिया गया था।

डीएफएफसीआईएल के अधिकारियों के अनुसार, चार साल बाद भी, परियोजना में प्रगति केवल 20 प्रतिशत थी।

Created On :   18 July 2020 11:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story