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आठ प्रमुख सेक्टरों की ग्रोथ जुलाई में घटकर हुई 0.5%, पिछले महीने थी 2.1%

हाईलाइट
- आठ प्रमुख सेक्टरों की ग्रोथ अगस्त में धीमी होकर -0.5 प्रतिशत पर आ गई है
- जुलाई में यह 2.1 प्रतिशत थी
- पिछले साल अगस्त में यह 4.7 प्रतिशत थी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आठ प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्रीज की ग्रोथ अगस्त में धीमी होकर -0.5 प्रतिशत पर आ गई है। जुलाई में यह 2.1 प्रतिशत थी। जबकि पिछले साल अगस्त में यह 4.7 प्रतिशत थी। कोयला, कच्चे तेल, नेचुरल गैस और रिफाइनरी प्रोडक्ट के उत्पादन में आई कमी के कारण ये गिरावट देखी जा रही है। सोमवार को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों में ये बात सामने आई है।
आठ प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्रीज में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, फर्टिलाइजर, स्टील, सीमेंट और बिजली है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त में कोयला, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, सीमेंट और बिजली में 8.6 प्रतिशत, 5.4 प्रतिशत, 3.9 प्रतिशत, 4.9 प्रतिशत और 2.9 प्रतिशत की निगेटिव ग्रोथ दर्ज की गई। हालांकि, फर्टिलाइजर और रिफाइनरी प्रोडक्ट के उत्पादन में 2.9 और 2.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है
- अगस्त में कोयला सेक्टर की ग्रोथ जुलाई के -1.6% के मुकाबले -8.6% रही है।
- अगस्त में क्रूड ऑइल आउटपुट ग्रोथ जुलाई के -4.4% के मुकाबले -5.4% रही है।
- अगस्त में नेचुरल गैस आउटपुट की ग्रोथ जुलाई के -0.5% के मुकाबले -3.9% रही है।
- अगस्त में रिफाइनरी प्रोडक्ट की ग्रोथ जुलाई के -0.9% के मुकाबले 2.6% रही है।
- अगस्त में फर्टिलाइजर आउटपुट की ग्रोथ जुलाई के 1.5% से बढ़कर 2.9% हो गई।
- अगस्त में स्टील आउटपुट की ग्रोथ जुलाई के 8.9% से घटकर 5% हो गई।
- अगस्त में सीमेंट आउटपुट की ग्रोथ जुलाई के 7.9% के मुकाबले -4.9% रही है।
- अगस्त में इलेक्ट्रिस्टी आउटपुट की ग्रोथ जुलाई के 4.7% के मुकाबले -2.9% रही है।
बता दें कि कुछ दिन पहले जीडीपी के आंकड़े भी जारी किए गए थे। चालू वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) घटकर 5% हो गई है। पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में आर्थिक विकास दर 5.8 फीसदी रही थी। जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में जीडीपी 8.2% थी। साढ़े छह साल में ये इकोनॉमी की सबसे धीमी गति है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को ये आंकड़े जारी किए थे।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।