आर्थिक सर्वेक्षण : सांठगांठ वाला पूंजीवाद अर्थव्यवस्था को तबाह करने वाला

Economic Survey: Collateral capitalism destroys the economy
आर्थिक सर्वेक्षण : सांठगांठ वाला पूंजीवाद अर्थव्यवस्था को तबाह करने वाला
आर्थिक सर्वेक्षण : सांठगांठ वाला पूंजीवाद अर्थव्यवस्था को तबाह करने वाला
हाईलाइट
  • आर्थिक सर्वेक्षण : सांठगांठ वाला पूंजीवाद अर्थव्यवस्था को तबाह करने वाला

नई दिल्ली, 31 जनवरी (आईएएनएस)। मोदी सरकार को अक्सर क्रोनी कैपिटलिज्म (सांठगांठ वाला पूंजीवाद) के लिए कांग्रेस द्वारा निशाना बनाया जाता रहा है, लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2014 से पहले यह प्रथा सर्वव्यापी थी, जिसे अब रोक दिया गया है।

इसके साथ ही सर्वेक्षण में कहा गया है कि क्रोनी कैपिटलिज्म से अर्थव्यवस्था तबाह हो जाती है, जिससे बचने की सलाह भी दी गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा मई 2014 में सत्ता में आई थी और 2019 में पार्टी दूसरी बार पांच साल के कार्यकाल के लिए चुनी गई।

मोदी सरकार के आर्थिक सर्वे में माना गया है कि अर्थव्यवस्था संकट में है और इसे रफ्तार देने के लिए सरकार कों नीतियां बदलने की जरूरत है। साथ ही सलाह दी गई है कि अगर भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है तो ऐसी प्रो क्रोनी नीतियों को छोड़ना होगा, जिनसे कुछ खास निजी उद्योग घरानों को फायदा होता है।

मोदी सरकार ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इस सर्वे में सरकार ने अगले वित्तवर्ष यानी 2020-21 के लिए 6 से 6.5 फीसदी विकास का अनुमान लगाया है।

सर्वे में कहा गया है कि भारत के पास चीन जैसी श्रम आधारित और निर्यात वाली अर्थव्यवस्था खड़ी करने का मौका है। साथ ही कहा गया है कि सरकार को विस्तार वाली नीतियां अपनानी होंगी, ताकि विकास को गति मिल सके। इसके अलावा सरकार को खर्च पर नियंत्रण की भी सलाह दी गई है।

सर्वे में आर्थिक हालात को सुधारने और अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के साथ ही पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए दो खास बिंदुओं पर फोकस करने को कहा गया है।

बताया गया है कि सरकार प्रो बिजनेस यानी कारोबारों को फायदा पहुंचाने वाली नीतियां बनाए, जिससे प्रतिस्पर्धी बाजार की असल क्षमता सामने आए।

सरकार प्रो क्रोनी यानी अपने मित्रों को फायदा पहुंचाने वाली ऐसी नीतियों का रास्ता छोड़े, जिनसे कुछ खास निजी घरानों, खासतौर से ताकतवर घरानों को फायदा होता है।

इनके अलावा आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि सरकार आर्थिक सुधारों के लिए काम करे, ताकि 2020-21 में अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके। साथ ही सरकार को सलाह दी गई है कि वह सरकारी बैंकों में पारदर्शिता लाए, ताकि इन बैंकों पर लोगों का विश्वास कायम हो सके।

आर्थिक सर्वे में नए बिजनेस शुरू करने, संपत्ति के पंजीकरण, कर भुगतान आदि को आसान करने की नीति बनाने को कहा गया है। साथ ही चेताया गया है कि जरूरी वस्तुओं की कीमतें काबू करने में सरकार की कोशिशें प्रभावी नहीं रही हैं। इसके लिए प्याज की कीमतों का हवाला दिया गया है।

आर्थिक सर्वे सरकार का वह दस्तावेज होता है जो बीते वर्ष में देश की आर्थिक स्थिति के बारे में बताता है और आने वाले वित्तवर्ष के लिए सरकार को सलाह देता है, जिससे अर्थव्यवस्था के लक्ष्य हासिल किए जा सकें।

Created On :   31 Jan 2020 1:00 PM GMT

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