आवश्यक वस्तु अधिनियम का उपयोग भयभीत करने के लिए हुआ : मोदी

Essential Commodities Act used to intimidate: Modi
आवश्यक वस्तु अधिनियम का उपयोग भयभीत करने के लिए हुआ : मोदी
आवश्यक वस्तु अधिनियम का उपयोग भयभीत करने के लिए हुआ : मोदी

नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एक महत्वपूर्ण बयान में कहा कि कृषि व्यवसाय से जुड़ी आवश्यक वस्तुओं से संबंधित ऐसी कानूनी बाधाएं, जो किसानों, निवेशकों और उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बनतीं हैं, उन्हें अब हटाया जा रहा है।

बाधाओं को दूर करने के कुछ विशिष्ट उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, एक ओर कानूनी अड़चनों को दूर किया जा रहा है और दूसरी ओर किसानों को प्रत्यक्ष मदद दी जा रही है।

मोदी ने कहा कि जैसे दशकों पहले एक आवश्यक (इसेन्शल) कानून बनाया गया था तो उस समय वह कानून उस स्थिति के अनुसार था कि तब देश में खाद्यान्नों की भारी कमी थी, लेकिन वर्तमान समय में खाद्यान्न के पर्याप्त भंडार हैं, इसलिए इस प्रकार के निषेध या रुकावट से अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता को भी नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात यह है कि ऐसे कानून, जिनकी आज के समय में जरूरत नहीं है, वह फिर भी कायम रहा।

मोदी ने कहा, आज जब हम दुनिया में दूसरे प्रमुख खाद्य उत्पादक हैं, फिर इस कानून की कोई जरूरत नहीं है।

मोदी ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया, इस कानून के उपयोग से और अधिक दुर्व्यवहार हुआ। इससे देश के व्यापारियों, निवेशकों को डराना अधिक हो गया है। अब कृषि से संबंधित व्यापार को भी इस भय तंत्र से मुक्त कर दिया गया है। इसे आत्मनिर्भर कृषि कहा जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार की सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्च र फंड के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा को लॉन्च किया है। सरकार ने जुलाई में कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए रियायती ऋण का विस्तार करने के लिए एक लाख करोड़ के कोष के साथ कृषि-इंफ्रा फंड की स्थापना को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में बटन दबाकर 8.5 करोड़ किसानों के खातों में 17,000 करोड़ रुपये की पीएम किसान सम्मान निधि योजना की छठी किस्त जारी की। यह किस्त तत्काल किसानों के खातों में ट्रांसफर की गई है।

उन्होंने कृषि क्षेत्र के स्टार्ट अप और छोटे किसानों को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने की भी बात कही।

मोदी ने कहा कि अब कृषि में न केवल आमदनी बढ़ेगी, बल्कि देश का कृषि परि²श्य भी बदलेगा। मोदी ने कहा कि यह भारत के किसान ही हैं, जिन्होंने सरकार को कोरोनावायरस महामारी के दौरान आठ महीने के लिए 80 करोड़ व्यक्तियों को मुफ्त राशन की आपूर्ति करने में सक्षम बनाया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, अब तक लगभग 350 कृषि स्टार्टअप का समर्थन किया जा रहा है। ये खाद्य प्रसंस्करण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, स्मार्ट खेती के उपकरण और नवीकरणीय ऊर्जा के निर्माण से संबंधित हैं।

कृषि अवसंरचना निधि का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि यह किसानों को अपनी उपज का भंडारण करने के लिए गोदामों का निर्माण करने में सक्षम बनाएगा। इसके साथ ही यह एफपीओ को कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है और कृषि उपज के भंडारण के लिए गोदामों के निर्माण में भी सहायक है।

मोदी ने कहा कि सरकार ने सुनिश्चित किया है कि किसान की उपज की रिकॉर्ड खरीद हो, जिससे पिछली बार की तुलना में करीब 27 हजार करोड़ रुपये ज्यादा किसानों की जेब में पहुंचा है।

Created On :   9 Aug 2020 11:00 PM IST

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