रात में भी सौर ऊर्जा से जगमग होंगे झारखंड के पांच हवाई अड्डे
डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड के पांच हवाई अड्डे अब रात में भी सौर्य उर्जा की रोशनी से जगमग होंगे। झारखंड में वैकल्पिक ऊर्जा के विकास के लिए काम करने वाली सरकार की इकाई जरेडा (झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलमेंट एजेंसी) ने राज्य के हवाई अड्डों पर सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई स्थापित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
जिन हवाई अड्डों पर सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन इकाई की स्थापना की जानी है, उनमें रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट सहित देवघर, दुमका, बोकारो और गिरिडीह हवाई अड्डे शामिल हैं। जरेडा की योजना पूरे राज्य में 2021-22 में सोलर इकाइयों के जरिए लगभग दो हजार किलोवाट बिजली उत्पादन शुरू कर देने की है।
झारखंड में फिलहाल सिर्फ रांची का बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पूरी तरह ऑपरेशनल है। देवघर में 850 करोड़ की लागत से नया एयरपोर्ट बनकर तैयार है। बोकारो का हवाई अड्डा 40 साल पुराना है, लेकिन यहां से अब तक व्यावसायिक उड़ानें शुरू नहीं की गयी हैं। इस दिशा में काम चल रहा है और इस साल के अंत तक यहां से नियमित उड़ानें शुरू की जा सकती हैं। झारखंड की उपराजधानी दुमका में भी एयरपोर्ट का काम प्रगति पर है, जबकि गिरिडीह में हवाई अड्डा के विकास का काम नये सिरे से शुरू किया जाना है।
बहरहाल, इन सभी हवाई अड्डों पर सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन आगामी फरवरी-मार्च तक शुरू कर दिये जाने के लक्ष्य के साथ जरेडा ने काम शुरू कर दिया है। जरेडा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इन पांचों हवाई अड्डों पर लगायी जानी वाली सौर ऊर्जा इकाइयों से कुल 600 किलोवाट की बिजली उत्पादित करने का लक्ष्य है। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है।
झारखंड के प्रमुख सरकारी भवनों में भीसोलर पैनल लगाने और उन्हें बिजली की अपनी जरूरतों के हिसाब सेआत्मनिर्भर करने की योजना पर भी तेजी से काम चल रहा है। वर्ष 2021-22 में राज्य के कुल 1400 भवनों में सोलर पैनल लगाये जाने हैं। इनमें से लगभग 950 भवनों में यह काम पूरा कर लिया गया है। न्यायालय भवनों और बड़े स्कूलों में भी सोलर पैनल लगाये जा रहे हैं। सरकारी भवनों में सोलर पैनल लगने से 19 हजार 800 किलोवाट सौर ऊर्जा उत्पादित होने की संभावना है। हालांकि यह योजना साल 2018-19की ही है, जिसे अब पूरा किया जा रहा है।
आईएएनएस
Created On :   28 Oct 2021 1:30 PM IST