पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों पर सरकार चिंतित, राहत देने के दिए संकेत

Government anxious on petrol-diesel prices, signals given relief
पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों पर सरकार चिंतित, राहत देने के दिए संकेत
पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों पर सरकार चिंतित, राहत देने के दिए संकेत

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों को लेकर अब सरकार में भी बेचैनी शुरू हो गई है। यही कारण है कि सरकार ने कहा है कि अगर क्रूड की कीमत 80 डालर प्रति बैरल पर तो पहुंची तो सरकार कुछ राहत देगी। यानी एक्साइज ड्यूटी में कटौती की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी पर सहमति नहीं बन पा रही है। दरअसल इस मामले में पीएमओ से वित्त मंत्रालय ने साफ तौर पर कह दिया है कि अगर पेट्रोल और डीजल में एक्साइज ड्यूटी में एक रुपये की कमी की गई तो सरकार को सीधे तौर पर 13000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। ऐसे में इस बारे में फैसला जल्दबाजी में न किया जाए। दूसरी तरफ राहत भरी खबर ये है कि आज पेट्रोल और डीजल के दामों में किसी तरह की तेजी दर्ज नहीं की गई। 

मूल्य अधिसूचना के अनुसार असम की राजधानी गुवाहाटी में पेट्रोल की कीमत 76.73 प्रति लीटर तक पहुंच गई है। वहीं डीजल 68.83 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है।  नागालैंड की राजधानी कोहिमा में पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 73.10  तक पहुंच गई है।  बता दें कि पेट्रोल और डीजल की कीमत में शुक्रवार को कोई इजाफा नहीं हुआ।

 

पेट्रोल और डीजल में एक्साइज ड्यूटी के लिए इमेज परिणाम

 

पेट्रोल और डीजल के दाम में तेजी के बीच पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि सरकार ग्राहकों को होने वाली तकलीफ को लेकर चिंतित है लेकिन सरकार को ग्राहकों के हित तथा राजकोषीय जरूरत के बीच संतुलन पर ध्यान देना होता है। हालांकि, प्रधान ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम में बढ़ोतरी के कारण होने वाले प्रभाव को कम करने को लेकर उत्पाद शुल्क में कटौती के बारे में कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के दाम में तेजी से पेट्रोल 55 महीने के उच्चतम स्तर 74.63 रुपए लीटर और  डीजल 65.93 रुपये लीटर की नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। उन्होंने उद्योग के एक कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में संवाददाताओं से कहा, "हम तकलीफ को लेकर चिंतित हैं... हम कीमत वृद्धि को लेकर चिंतित हैं" 

प्रधान ने कहा, "चीजों को समग्र रूप से देखने की जरूरत है। हमें राजकोषीय संतुलन ठीक रखना है और साथ ही उपभोक्ताओं के हितों की भी रक्षा करनी है।" उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर सामूहिक रूप से गौर कर रही है। मंत्री ने कहा कि तेल कीमतों पर नजर है। इस सप्ताह की शुरुआत में वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था कि अगर सरकार राजकोषीय घाटे में कमी लाना चाहती है तो उत्पाद शुल्क में कटौती की सलाह उपयुक्त नहीं है।

Created On :   27 April 2018 7:52 AM GMT

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