झारखंड में लौट रहे मजदूरों को कौशल विकास प्रशिक्षण देगी सरकार
रांची, 7 मई (आईएएनएस)। कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहे देश के अन्य राज्यों में पलायन कर रोजगार की तलाश में गए मजदूरों के वापस लौटने का सिलसिला जारी है। ऐसे में लौटे मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराना राज्य सरकार के लिए एक चुनौती माना जा रहा है। हालांकि सरकार दूसरे प्रदेशों से लौट रहे प्रवासी मजदूरों के कौशल विकास करने की योजना बनाई है।
राज्य के श्रम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार की योजना लौटे मजदूरों में से इच्छुक मजदूरों को प्रशिक्षण देकर उनके कौशल विकास की है। उन्होंने कहा कि जो भी मजदूर प्रशिक्षण लेना चाहेंगे, उन्हें झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी के प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सरकार की योजना 18 से 35 उम्र वर्ग के मजदूरों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण देने की है। इसके लिए एक सप्ताह से लेकर तीन महीने तक की प्रशिक्षण अवधि बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरी तैयारी प्रारंभ कर दी गई है।
झारखंड के श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने बताया, लॉकडाउन के बाद प्रशिक्षण की शुरुआत की जाएगी, जिसका फायदा प्रवासी मजदूर उठा सकेंगे। प्रशिक्षण प्राप्त कर ये मजदूर कई क्षेत्रों में नौकरी या स्वरोजगार कर सकेंगे।
सरकार की योजना दुकानों में शॉपकीपर, उद्योग कंपनियों के साथ इलेक्ट्रीशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर, टेलरिंग के क्षेत्र में स्विंग मशीन ऑपरेटर, ब्यूटी थेरेपी क्षेत्र में प्रशिक्षण देने की है।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पूर्व पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सरपंचों को संबोधित करते हुए उन्हें गांवों को आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान किया था।
इधर, सरकार लौटे मजदूरों के अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार उपलब्ध करने के प्रयास में जुटी है।
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो दिन पहले बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्घि योजना और पोटो हो खेल विकास योजना का उद्घाटन करते हुए कहा कि इन तीनों योजना के माध्यम से सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के प्रवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार मिल सकेगा।
Created On :   7 May 2020 7:31 PM IST