कपड़ा व्यापार पर GST का असर, जा सकती हैं हजारों नौकरियां
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में GST लागू करने के बाद केंद्र सरकार भले ही इसकी तारीफों के पुल बांध रही हो, लेकिन सच्चाई कुछ ओर ही है। व्यापारियों ने बताया है कि GST का कपड़ा व्यापार पर खतरनाक असर पड़ सकता है। कपड़ा निर्यातकों का कहना है कि शिपमेंट में काफी कमी आ सकती है। इस कारण हजारों लोगों की नौकरियों पर भी खतरा मंडराने लगा है।
कपड़ा एक्सपोर्ट्स ने संसदीय पैनल से इस बारे में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि GST लागू होने के बाद शिपमेंट में गिरावट आ रही है और इससे बड़े पैमाने पर नौकरियों पर संकट पैदा हो सकता है। अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (AEPC) ने नरेश गुजराल की अध्यक्षता वाली वाणिज्य पर राज्यसभा की स्टैंडिंग कमिटी के सामने प्रजेंटेशन के जरिए अपनी बात रखी है। इस दौरान एक्सपोर्ट प्रमोशन कैपिटल गुड्स के आयात पर आई GST में छूट के मुद्दे पर भी बात की।
अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन अशोक रजनी ने कहा, "इसके चलते अपैरल के उत्पादन पर ही विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा है बल्कि ड्रॉबैक रेट्स में कमी के चलते एक्सपोर्ट्स के मार्जिन पर भी बड़ा असर पड़ा है।" काउंसिल ने संसदीय समिति को बताया कि यदि ऐसी ही स्थिति रही तो निकट भविष्य में निर्यात में भारी कमी आ सकती है। ग्लोबल गारमेंट इंडस्ट्री प्रतिस्पर्धी है, ऐसे में भारतीय इंडस्ट्री की चुनौती भी कठिन है।
अशोक रजनी ने कहा, "GST के सकारात्मक असर को गारमेंट इंडस्ट्री द्वारा महसूस किया जाना बाकी है, जहां इनपुट कॉस्ट कम नहीं हुआ है। कुल मिलाकर GST के चलते छोटे और मझोले कपड़ा निर्यातकों पर बोझ पड़ा है। वर्किंग कैपिटल की जरूरत बढ़ने और हायर ट्रांजैक्शन कॉस्ट के चलते दबाव की स्थिति पैदा हुई है।"
Created On :   28 Oct 2017 2:37 PM GMT