साल 2025 तक वैश्विक पीओएस शिपमेंट 270 मिलियन तक पहुंचाने में भारत की अहम भूमिका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ग्लोबल पॉइंट-ऑफ-सेल डिवाइस (पीओएस) शिपमेंट 2025 तक 270 मिलियन यूनिट तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें 19 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) होगी और इस वृद्धि के पीछे, भारत की अहम भूमिका होगी। वर्तमान में चीन अग्रणी वैश्विक पीओएस बाजार है जो इसके आधे हिस्से पर कब्जा किए हुए है, इसके बाद लैटिन अमेरिका और यूरोप का स्थान है।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के अनुसार, आगे चलकर भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाला बाजार (प्लस 38 प्रतिशत सीएजीआर) बन जाएगा, जो खुदरा के डिजिटल परिवर्तन और ऑनलाइन लेनदेन के लिए बढ़ती उपभोक्ता से प्रेरित है।
शोध विश्लेषक सौमेन मंडल ने कहा, तेजी से शहरीकरण, रोजगार का वैश्वीकरण और बढ़ती यात्रा आतिथ्य क्षेत्रों में पीओएस बाजार के विकास को बढ़ावा देगी। वैश्विक पीओएस बाजार पर कोविड -19 का नकारात्मक प्रभाव पड़ा क्योंकि 2020 में लॉकडाउन के कारण अधिकांश खुदरा दुकानें बंद थी।
अनुसंधान के उपाध्यक्ष, नील शाह ने कहा, चीन के शीर्ष 10 विक्रेताओं में से 8 के साथ वैश्विक पीओएस बाजार में चीनी खिलाड़ी हावी है। हालांकि, सभी प्रमुख क्षेत्र स्थानीय पीओएस आपूर्ति श्रृंखला बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे है। हम उम्मीद करते है कि चीनी ब्रांड घरेलू बाजार के परिपक्व होने के कारण बाजार हिस्सेदारी खोने से बचने के लिए अपनी अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति बढ़ाएंगे।
कैशलेस लेनदेन, अनुकूल सरकारी नीतियों और तकनीकी प्रगति के बारे में उपभोक्ताओं की बढ़ती जागरूकता नए फॉर्म फैक्टर और क्षमताओं के साथ पीओएस टर्मिनल बाजार को मजबूत कर रही है। मंडल ने कहा, परिवहन, सरकार, शिक्षा, बैंकिंग और राइड-हेलिंग क्षेत्रों में पीओएस टर्मिनलों के बढ़ते उपयोग से नए आवेदन क्षेत्र खुलने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा सुरक्षा संबंधी चिंताएं, उच्च रखरखाव लागत और चेकआउट-मुक्त ऑफलाइन खुदरा मॉडल पीओएस बाजार के लिए प्रमुख चुनौतियां होंगी।
आईएएनएस
Created On :   24 Oct 2021 12:01 PM IST