खादी ग्रामोद्योग आयोग ने दोहरी परत वाले खादी मास्क बनाए
इन मॉस्क में से पांच लाख जम्मू को, एक लाख चालीस हजार पुलवामा जिले को, एक लाख उधमपुर जिले और 10,000 कुपवाड़ा जिले को दिए जाएंगे।
आयोग के मुताबिक, मास्क की आपूर्ति 20 अप्रैल तक जिलों के विकास आयुक्तों को कर दी जाएगी।
दोबारा इस्तेमाल में लाये जाने वाले कॉटन के ये मास्क 7 इंच लंबे और 9 इंच चौड़े होंगे, इनमें तीन सलवटें होंगी और बांधने के लिए कोनों में चार पट्टियां होंगी।
खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष वी. के. सक्सेना के मुताबिक, केवीआईसी इन मास्क के निर्माण के लिए दो परत वाले खादी कपड़े का खास तौर पर उपयोग कर रहा है। ये अंदर की नमी को 70 फीसदी बनाए रखने में मदद करता है, और हवा को गुजरने के लिए एक आसान मार्ग प्रदान करता है। जिसकी वजह से ये सबसे अच्छा, आसानी से उपलब्ध, जेब में आ सकने वाला वैकल्पिक फेस मास्क है।
सक्सेना ने कहा, ये मास्क ज्यादा विशेष इसलिए हैं] क्योंकि ये हाथ से बुने हुए खादी के कपड़े से बने हैं, जो कि सांस लेने योग्य होते हैं, आसानी से उपयोग किए जा सकते हैं और धोने योग्य व बायोडिग्रेडेबल होते हैं।
वर्तमान में जम्मू के पास नगरोटा में खादी सिलाई केंद्र को मास्क सिलाई केंद्र में बदल दिया गया है, जो प्रति दिन 10,000 मास्क का उत्पादन कर रहा है। वहीं शेष ऑर्डर श्रीनगर में या आसपास के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों और खादी संस्थानों में बांटे जा रहे हैं।
गौरतलब है कि एक मीटर खादी के कपड़े में 10 डबल लेयर वाले मास्क बनाए जाएंगे। 7.5 लाख मास्क बनाने के लिए लगभग 75,000 मीटर खादी कपड़े का उपयोग किया जाएगा। इससे खादी कारीगरों के लिए आजीविका के अवसरों में और वृद्धि होगी।
Created On :   13 April 2020 12:00 AM IST