खुलने लगी हैं दिल्ली की कई मशहूर दुकानें
दरअसल दिल्ली के इन बड़े बाजारों को अभी तक दिल्ली सरकार की ओर से आने वाले निदेशरें का इंतजार था।
खारी बावली में कई पीढ़ियों से मसालों का व्यवसाय कर रहे लाला जगत नारायण ने कहा, हमने 2 बार अपनी दुकान और उसके आसपास के इलाकों को सैनिटाइज करवाया है। दिल्ली सरकार से मिले निर्देश के बाद हम एक बार फिर अपना काम धंधा शुरू कर रहें, हालांकि की बीमारी का खतरा अगर फिर से बढ़ता है तो हम आगे कुछ और दिनों तक अपना कारोबार बंद रखने को तैयार हैं।
गौरतलब है कि 24 मार्च से ही देशभर में मसालों, सूखे मेवों, दलहन, अनाज, अचार, मुरब्बाओ के लिए प्रसिद्ध दिल्ली का खारी बावड़ी बाजार पूरी तरह बंद पड़ा था। मंगलवार को यहां कई दुकानें खोली गई। कुछ ऐसा ही हाल चांदनी चौक, करोल बाग, नई सड़क, चावड़ी बाजार का है।
चावड़ी बाजार में पिछले 45 वर्षों से शादी के कार्ड का कारोबार कर रहे ज्ञानचंद जैन ने कह, फिलहाल हमने पिछले करीब 50 दिन से बंद पड़ी अपनी दुकानों को खोला है। हमारा ज्यादातर माल दिल्ली के बाहर और विदेशों में भी सप्लाई होता है। इसलिए बॉर्डर पर स्थिति पूरी तरह से सामान्य होने के बाद ही काम धंधा ढंग से चल सकेगा।
पुरानी दिल्ली की सबसे मशहूर दुकानों में से एक लाहौरी ने भी मंगलवार को अपनी दुकान खोली। यह दुकान प्राचीन मिठाइयों, देसी घी की पिन्नी आदि के लिए मशहूर है। दुकान के मालिक श्याम लाल अरोड़ा ने कहा 50 दिन कारोबार ठप रहने के बाद अब कारोबार ठीक ढंग से चलाने में और 2 महीने का समय लगेगा।
दिल्ली के गोल मार्केट इलाके में स्थित मशहूर और मिठाइयों की पुरानी दुकान बंगाली स्वीट्स भी अब सामान्य दिनों की तरह खुलने लगी है।
कमला नगर में जूते चप्पलों,स्टेशनरी, पुस्तकों की कई दुकानें खुलने लगी हैं। कमला नगर में ही कई स्थानों पर बच्चों के कपड़े, खाने-पीने की दुकानें, ग्रॉसरी स्टोर एवं अन्य दुकानें भी खुलने लगी हैं।
यहां दुकान चलाने वाले जसविंदर आहूजा ने कहा, इलाके में धीरे-धीरे अब कई दुकानें खुल चुकी हैं। यहां इन दुकानों पर ग्राहक भी खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं। बेशक बाजार में पहली सी भीड़ भीड़ नहीं है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने ऑड ईवन की तर्ज पर दिल्ली के सभी बाजारों को खोलने का ऐलान किया है। हालांकि इस दौरान ने माहौल और शॉपिंग मॉल बंद रहेंगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, अब कोरोना एक-दो महीने में खत्म नहीं होने वाला है। जब तक इसकी कोई वैक्सिन नहीं आएगी, तब तक यह खत्म नहीं होने वाला है। मैं अक्सर यह कहता रहा हूं कि अब हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी पड़ेगी।
Created On :   19 May 2020 7:00 PM IST