अब राजीव गांधी फाउंडेशन पर टूजी स्पेक्ट्रम के आरोपी यूनिटेक से चंदा लेने का लगा आरोप

Now Rajiv Gandhi Foundation accused of taking donations from Unitech accused of 2G spectrum
अब राजीव गांधी फाउंडेशन पर टूजी स्पेक्ट्रम के आरोपी यूनिटेक से चंदा लेने का लगा आरोप
अब राजीव गांधी फाउंडेशन पर टूजी स्पेक्ट्रम के आरोपी यूनिटेक से चंदा लेने का लगा आरोप
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)। एक बार फिर राजीव गांधी फाउंडेशन विवादों में है। इस बार फाउंडेशन पर टूजी आरोपी यूनिटेक फर्म से चंदा लेने का आरोप लगा है। प्राप्त दस्तावेज के मुताबिक टूजी के आरोपी रहे यूनिटेक फर्म ने वर्ष 2007-2008 में राजीव गांधी फाउंडेशन में चंदा दिया था।

इसके बाद यूनिटेक की सब्सिडियरी इकाई यूनिटेक वायरलेस को 2008 में पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर 1.658 करोड़ का पेन इंडिया टेलीकॉम लाइसेंस मिला था।

इस मसले पर भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने आईएएनएस से कहा, यह जांच का विषय है, साथ ही यह सच भी है कि राजीव गांधी फाउंडेशन और गांधी परिवार से जुड़े कई ट्रस्ट ने कई स्रोतों से डोनेशन लिया। चीन से चंदा लेकर भारत मे व्यापार घाटा करवाया। मेहुल चौकसी जैसे भगोड़े से चंदा लिया। ऐसे में साफ है कि राजीव गांधी फाउंडेशन का इस्तेमाल चंदा लेकर फेवर देने के लिए किया जाता था। ये शर्मनाक है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री पी चिदंबरम दोनों ही राजीव गांधी फाउंडेशन के ट्रस्टी भी थे और सोनिया गांधी जी यूपीए के चेयरपर्सन भी थी।

गौरतलब है कि यूनीटेक के मालिक संजय चंद्रा को 2011 में भी टूजी स्पेक्ट्रम मामले में गिरफ़्तार किया गया था। नवंबर 2011 में जमानत पर रिहा होने से पहले वह 8 महीने जेल में रहे थे। इसके अलावा चंद्रा पर ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदारों के साथ ठगी करने का भी आरोप है।

संजय चंद्रा ने रियल एस्टेट में आई अस्थिरता को देखते हुए ही यूनिटेक की एंट्री टेलिकॉम बिजनेस में कराई थी। यूनिनॉर के कारण ही संजय चंद्रा का नाम टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले में आया था।

Created On :   9 July 2020 8:30 AM GMT

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