रबी दलहन, तिलहन खरीद चाकचौबंद, 3 दिन के भीतर हो रहा भुगतान : संजीव चड्ढा (आईएएनएस साक्षात्कार)
नई दिल्ली, 21 मई (आईएएनएस)। कोरोना संकट काल में देश का सबसे बड़ा सहकारी संगठन भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) की भूमिका बढ़ गई है क्योंकि किसानों से फसलों की खरीद के साथ-साथ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत दाल मुहैया करवाने की जिम्मेदारी भी नेफेड पर ही है।
हालांकि नेफेड के प्रबंधन निदेशक संजीव कुमार चड्ढा ने बताया कि देशभर में फैले संगठन के विशाल नेटवर्क के जरिए दोनों काम सुचारू ढंग से चल रहे हैं।
संजीव कुमार चड्ढा ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद चना और सरसों की खरीद की व्यवस्था चाकचौबंद है और किसानों को तीन दिनों के भीतर उनकी फसलों के दाम का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विषम परिस्थिति में किसानों से दलहन और तिलहन फसलों की खरीद की चुनौतियों को देखते हुए प्रमुख राज्यों में खरीद केन्द्रों की संख्या दोगुनी या तिगुनी कर दी गई है।
चड्ढा ने बताया कि चना और सरसों के प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में खरीद केन्द्रों की संख्या पिछले साल के मुकाबले तिगुनी है जबकि मध्यप्रदेश में यह संख्या दोगुनी कर दी गई है। वहीं महाराष्ट्र, गुजरात व अन्य राज्यों में भी खरीद केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी गई है।
दरअसल, कोरोना संक्रमण के खतरे से बचने के लिए मंडियों में सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन किया जा रहा है, जिसके कारण रबी फसलों की खरीद की गति तेज करने के लिए खरीद केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी गई है।
नेफेड के एमडी ने बताया कि चालू रबी विपणन वर्ष 2020-21 के दौरान चना और सरसों की खरीद 10 लाख से ज्यादा हो चुकी है और विभिन्न राज्यों में तेज रफ्तार से खरीद चल रही है। नेफेड के ताजा आंकड़ों के अनुसार 19 मई तक देशभर में 5,97,076 किसानों से कुल 5,89,769 टन चना और 4,99,655 टन सरसों की खरीद एजेंसी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर कर ली थी। एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार अब तक किसानों से खरीदे गए चना और सरसों का मूल्य 5,088 करोड़ रुपए है।
केन्द्र सरकार ने फसल वर्ष 2019-20 में उगाई गई फसल चना का एमएसपी 4,875 रुपए प्रति क्विंटल जबकि सरसों का 4,425 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है।
चड्ढा ने बताया कि चने की सरकारी खरीद का लक्ष्य करीब 24-25 लाख टन है लेकिन खरीद तकरीबन 18-20 लाख टन होने की उम्मीद है। वहीं सरसों की खरीद उन्होंने करीब 10-12 लाख टन होने की उम्मीद जताई है।
हाल ही में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी फसल वर्ष 2019-20 के तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार देश में चने का उत्पादन 109 लाख टन जबकि सरसों का उत्पादन 87 लाख टन होने का अनुमान है।
वहीं पीएमजीकेएवाई के तहत देशभर में राष्टरीय खादय सुरक्षा अधिनियम यानी एनएफएसए के दायरे में लाने वाले सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रत्येक राशनकार्ड धारक परिवार को एक किलो दाल वितरण के लिए हर राज्य में दाल मुहैया करवाने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि शुरुआत में यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन अब सप्लाई दुरूस्त हो गई है।
नेफेड एमडी ने कहा कि लॉकडाउन के आरंभ मंे दाल मिलें बंद हो गई थंीं और राज्यों को दाल मिलिंग करवाकर जल्द मुहैया करवाना था इसलिए काम चुनौतीपूर्ण था। अब सप्लाई चेन दुरूस्त होने के साथ दालों की आपूर्ति तेज हो गई है और चार लाख टन से ज्यादा दाल राज्यों को मुहैया करवाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि पीएमजीकेएवाई के तहत आवश्यक तीन महीने की दालें 31 मई तक राज्यों को भेज दी जाएंगी। पीएमजीकेएवाई के तहत तीन महीने के वितरण कि लिए करीब 57 लाख टन दाल की आवश्यकता है।
हाल ही में आत्मनिर्भर भारत अभियान के आहवान के साथ प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के तहत प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक मुफ्त पांच किलो अनाज और एक किलो चना वितरण करने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए विभिन्न राज्यों को चना मुहैया करवाना भी नेफेड की ही जिम्मेदारी है। चड्ढा ने बताया कि इसका ऑर्डर मिलने के साथ ही नेफेड ने चना साफ करवाकर विभिन्न राज्यों को आपूर्ति करने का काम आरंभ कर दिया है।
Created On :   21 May 2020 1:30 PM IST