ऐतिहासिक गिरावट के बाद संभला अमेरिकी क्रूड, ब्रेंट में नरमी जारी

Sustainable American crude after historic decline, Brent continues to soften
ऐतिहासिक गिरावट के बाद संभला अमेरिकी क्रूड, ब्रेंट में नरमी जारी
ऐतिहासिक गिरावट के बाद संभला अमेरिकी क्रूड, ब्रेंट में नरमी जारी

मुंबई़, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। ऐतिहासिक गिरावट के बाद अमेरिकी क्रूड डब्ल्यूटीआई में मंगलवार को तेजी लौटी लेकिन ब्रेंट क्रूड के भाव में अभी तक नरमी बनी हुई है। कोरोना के कहर के चलते तेल की आपूर्ति के मुकाबले मांग कम होने के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बीते सत्र में अमेरिकी क्रूड का भाव शून्य से नीचे चला गया था।

अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई का मई डिलीवरी अनुबंध सोमवार को न्यूयार्क मकेर्टाइल इंडेक्स पर पिछले सत्र से 300 फीसदी ज्यादा की गिरावट के साथ शून्य से नीचे 37.63 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।

हालांकि मंगलवार को मई अनुबंधशून्य से नीचे 14 डॉलर प्रति बैरल पर खुलने के बाद जोरदार 39.23 डॉलर की रिकवकरी के साथ 1.65 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था।

हालांकि जून डिलीवरी अनुबंध में इतनी बड़ी गिरावट नहीं आई है। एजेंल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने इसकी वजह बताई। उन्होंने कहा कि ओपेक और रूस के बीच उत्पादन कटौती को लेकर जो करार हुआ है वह मई से लागू है इसलिए जून अनुबंधों में इतनी बड़ी गिरावट नहीं आई है।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में आई भारी गिरावट के कारण भारतीय वायदा बाजार में भी तेल के दाम लगातार नरमी का रूख बना हुआ है।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर कच्चे तेल के मई अनुबंध में मंगलवार को सुबह 10.12 बजे पिछले सत्र से 114 रुपए यानी 6.43 फीसदी की गिरावट के साथ 1658 रुपए प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।

बता दें कि एमसीएक्स पर 20 अप्रैल को समाप्त हुए चालू महीने के लिए कच्चे तेल का अनुबंध सोमवार को पिछले सत्र से 471 रुपए यानी 32.80 फीसदी की गिरावट के साथ 965 रुपए प्रति बैरल पर बंद हुआ।

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के सबसे सक्रिय अनुबंध जून डिलीवरी अनुबंध में पिछले सत्र से 0.74 फीसदी की नरमी के साथ 25.38 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। हालांकि नायमेक्स पर डब्ल्यूटीआई के जून डिलीवरी अनुबंध में पिछले सत्र से 5.04 फीसदी तेजी के साथ 21.46 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।

गुप्ता ने कहा कि कोरोनावायरस के कहर से पूरी दुनिया में आर्थिक गतिविधियां चरमरा गई है जिससे तेल की मांग काफी घट गई है, लिहाजा इसकी कीमतों पर दबाव बना हुआ है।

अमेरिकी और कनेडियन क्रूड के बीते सत्र में शून्य से नीचे के भाव बिकने की वजह पूछे जाने पर गुप्ता ने कहा कि दुनियाभर में रेल, सड़क और हवाई यातायात प्रभावित है क्योंकि कोरोनावायरस के संक्रमण की कड़ी को तोड़ने में लॉकडाउन और आवाजाही पर प्रतिबंध को सबसे कारगर उपायों के तौर पर देखा जा रहा है, यही कारण है कि तेल की मांग काफी घट गई।

उन्होंने कहा कि मई अनुबंध के सौदे के शून्य से नीचे जाने की मुख्य वजह यह थी कि जिन कारोबारियों ने मई सौदे लिए थे वे डिलीवरी लेने को तैयार नहीं थे।

Created On :   21 April 2020 12:30 PM IST

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