कृत्रिम गर्भाधान 2025 तक 100 फीसदी करने का लक्ष्य : गिरिराज सिंह

Target to make 100% artificial insemination by 2025: Giriraj Singh
कृत्रिम गर्भाधान 2025 तक 100 फीसदी करने का लक्ष्य : गिरिराज सिंह
कृत्रिम गर्भाधान 2025 तक 100 फीसदी करने का लक्ष्य : गिरिराज सिंह

नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय पशुपालन, मत्स्यपालन एवं डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने गोजातीय पशुओं में 2025 तक शतप्रतिशत कृत्रिम गर्भाधान (एआई) करने का लक्ष्य रखा है।

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर उन्होंने कहा, हमने लक्ष्य रखा है कि एआई जो अभी 30 फीसदी है उसे 2025 तक 100 फीसदी करना है।

देश में श्वेत क्रांति के जनक वर्गीज कुरियन के जन्मदिन पर 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है।

सिंह ने कहा कि एआई कवरेज के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

केंद्र सरकार द्वारा बीते पांच साल के दौरान उठाए गए कदमों के कारण देश में दूध उत्पादन 36 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि देश में दूध एवं डेयरी उत्पादों के क्षेत्र में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं और सरकार दूध उत्पादन बढ़ाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा, वर्ष 2013-14 में देश में दूध का उत्पादन 13.77 करोड़ टन था जो 2018-19 में बढ़कर 18.77 करोड़ टन हो गया। इस प्रकार इन पांच साल के दौरान देश में दूध के उत्पादन में 36.35 फीसदी का इजाफा हुआ।

उन्होंने कहा, 2009-14 के दौरान देश में दूध उत्पादन की सालाना वृद्धि दर 4.2 फीसदी थी जो 2014-19 के दौरान बढ़कर 6.4 फीसदी हो गई। वहीं, दूध उत्पादन की वैश्विक वृद्धि दर 2014-19 के दौरान 1.2 फीसदी रही।

सिंह ने कहा कि उत्पादन में वृद्धि होने से देश में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता भी बढ़ी है। भारत में 2013-14 में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 307 ग्राम थी जोकि 2018-19 में बढ़कर 394 ग्राम हो गई है।

उन्होंने इस मौके पर केंद्र सरकार द्वारा पशुपालन और डेयरी को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रक कार्यक्रम (एनएडीसीपी) शुरू किया जिसके तहत फुट एंड माउथ डिजीज (एफएमडी) और ब्रेसेलोसिस पर पूर्ण नियंत्रण के लिए 13,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

सरकार ने 2024 तक देश को एफएमडी से मुक्त कराने का लक्ष्य रखा है।

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है और देश के दुग्ध व डेयरी उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने आरसेप (क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी) से डेयरी उत्पादों को अलग रखा है।

आरसेप के तहत आसियान के 10 सदस्य देशों के समेत भारत, चीन, जापान, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया के साथ मुक्त व्यापार करार का प्रस्ताव है। भारत के डेयरी उत्पादकों को आशंका है कि न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया से सस्ता दुग्ध उत्पाद आने से उनके उत्पादों का उचित मूल्य नहीं मिल पाएगा।

इस मौके पर केंद्रीय पशुपालन, मछलीपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री संजीव बाल्यान और प्रताप चंद्र सारंगी भी मौजूद थे। बाल्यान ने सरकार द्वारा पशुपालन व डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए उठाए गए कदमों के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सरकारी संसाधन सीमित है, इसलिए निजी क्षेत्र को सरकार की पहल में मदद करनी चाहिए।

वहीं, सारंगी ने इस क्षेत्र के सर्वागीण विकास के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नवाचारी तरीके से पशुओं की प्रजाति में सुधार होगा।

 

Created On :   27 Nov 2019 12:00 AM IST

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