कर विभाग ने करदाताओं को फर्जी संदेशों के प्रति आगाह किया
नई दिल्ली, 4 मई (आईएएनएस)। आयकर विभाग और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड(सीबीआईसी) ने करदाताओं को आगाह किया है कि वे किसी फर्जी लिंक पर क्लिक कर त्वरित रिफंड पाने के प्रलोभन के झांसे में न आएं।
कर विभागों ने कहा है कि लॉकडाउन के कठिन समय में सरकार ने कारोबारों को मदद करने के लिए त्वरित कर रिफंड का जब से निर्णय लिया है, तब से ऐसे फर्जी संदेश चारों और तैर रहे हैं, जिनसे करदाताओं की जानकारी के साथ गंभीर रूप से छेड़छाड़ हो सकती है।
सीबीआईसी ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया, करदाताओं सावधान!!! कृपया ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें, जो रिफंड देने का वादा करता हो। ये फर्जी संदेश हैं और सीबीआईसी या एटइंफोसिस अंडरस्कोर जीएसटीएन से नहीं भेजे गए हैं। जीएसटी से संबंधित ऑनलाइन फाइलिंग के लिए जीएसटी डॉट गव डॉट इन पर जाएं।
आयकर विभाग ने भी इसी तरह के ट्वीट किए हैं। आयकर विभाग ने कहा है कि वे कर रिफंड के लिए और करदाताओं के केवायसी डिटेल सहित उनकी निजी जानकारी के लिए कोई मेल नहीं भेज रहे हैं।
इसके पहले जीएसटीएन नेटवर्क ने भी करदाताओं को आगाह करते हुए ट्वीट किए थे और वेबसाइट ऑनलाइनफाइलिंगइंडिया डॉट इन को सबस्क्राइब न करने के लिए कहा था, जिसे करदाताओं से निजी जानकारी हासिल करने के लिए सर्कुलेट किया जा रहा है।
जीएसटीएन ने ट्वीट किया, फ्रॉड वेबसाइट ऑनलाइनफाइलिंगइंडिया डॉट इन से सावधान। यह करदाताओं की निजी जानकारी और बैंक डिटेल हासिल करने के लिए उन्हें प्रलोभन देने की कोशिश कर रही है। किसी भी ऐसे संदेश, मेल और वेबसाइट का जवाब न दें, जिसमें आपके निजी विवरण मांगे जाएं।
जीएसटीएन ने कहा है कि ऐसे फर्जीवाड़े देखने को मिले हैं, जिसमें गलत लोग कोविड-19 संकट का लाभ उठाते हुए जीएसटीएन द्वारा विकसित एक पोर्टल के जरिए करदाताओं के विवरणों की त्वरित प्रॉसेसिंग करने का दावा कर रहे हैं।
जीएसटीएन ने कहा है कि फर्जीवाड़ा करने वाले खुद को कर अधिकारी या जीएसटीएन कर्मी बताकर फर्जी ईमेल भेजकर खाते को तत्काल सत्यापित या अपडेट करने के लिए भी कह सकते हैं।
इस समस्या की शुरुआत तब से हुई, जब सरकार ने लॉकडाउन अवधि के दौरान करदाताओं की मदद के लिए आयकर और जीएसटीएन रिफंड्स को त्वरित निपटाने का निर्णय लिया।
Created On :   4 May 2020 4:00 PM IST